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ग्रामीण क्षेत्रों में उतरने लगा पानी परेशानियां ज्यों की त्यों बरकरार

पहाड़ों पर बरसात नहीं होने से नदियां अब शांत हो गई हैं। मारकंडा नदी से तेजी से उतर रहा है और अब मात्र 10 हजार 871 क्यूसेक पानी बह रहा है। उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर बरसात नहीं है और...
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पहाड़ों पर बरसात नहीं होने से नदियां अब शांत हो गई हैं। मारकंडा नदी से तेजी से उतर रहा है और अब मात्र 10 हजार 871 क्यूसेक पानी बह रहा है। उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर बरसात नहीं है और लगती नदियों में भी पानी बहुत कम है जिस कारण अभी पानी आने की कोई उम्मीद नहीं है। दूसरी ओर गौशाला व पट्टी झामड़ा व बाजीगर कालोनी से पानी उतर गया है लेकिन गंदगी व कीचड़ व्याप्त होने के कारण यहां के निवासी मारकंडा मंदिर व मंडी शैड के नीचे आश्रय पाए हैं। बरसात के पानी ने इस बार कठवा, तंगौर, मुगलमाजरा व कलसाना में फसलों को व्याप्क नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ साथ मारकंडा नदी के साथ लगते गांवों जो निचाई पर स्थित हैं में भी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। गेज रीडर रविंद्र के अनुसार 2 सितंबर को अधिकतम 29 हजार 778, 3 सितंबर को 32 हजार 243, 4 सितंबर को 35 हजार 595, 5 सितंबर को सबसे अधिक 36 हजार 612 क्यूसेक पानी

आया था।

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