आसाखेड़ा माइनर के नवनिर्माण में खामियाें से पानी की किल्लत
आसाखेड़ा माइनर के नवनिर्माण में कथित भ्रष्टाचार, लापरवाही से नाराज़ टेल के किसानों के सब्र का पैमाना अब भर चुका है। दो साल से पानी के लिए जूझ रहे किसान अब आर-पार को तैयार हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि 25 दिसंबर तक पानी बंदी की समस्याएं न सुलझीं तो 5 जनवरी को वे आरडी 34000 पर बनी फॉल व पुल खुद तोड़ देंगे। सोमवार को डीसी सिरसा व एसडीएम डबवाली को नोटिस दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि नहर लेवल से छेड़छाड़ की गई और निर्माण में तकनीकी खामियां हैं। किसानों का कहना है कि नहर के बीच खड़े पेड़ हटाए बिना ही कार्य पूरा किया गया और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ। किसान प्रह्लाद सिहाग के अनुसार 30 क्यूसेक पर 17.3 इंच जलस्तर होना चाहिए, पर 50 क्यूसेक छोड़े जाने पर भी लेवल पूरा नहीं हो रहा, जिससे साफ है कि बेड लेवल गलत है। किसानों ने कहा कि रिमॉडलिंग में पुरानी गलतियां नहीं सुधारी गईं। तीन पुराने पुल ऊंचे तल के कारण अवरोध बने हैं और नहर दो बार टूट चुकी है।
प्रह्लाद सिहाग ने बताया कि एक मोघा 750 एकड़ का होते हुए भी 856 एकड़ के हिसाब से पास किया गया। कई मोघे 1980 के पुराने फॉर्मूले से मंजूर किए गए जो नई क्षमता से मेल नहीं खाते। किसानों के अनुसार प्रशासन ने सिर्फ फाइलें भरकर खानापूर्ति की।
जांच कमेटी ने की लीपापोती
किसानों का आरोप है कि जांच कमेटी ने लीपापोती की। 20 मई को एसडीएम ने निरीक्षण में खामियों को सही पाया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। सीएम विंडो व मंत्री को भेजी शिकायतें भी जवाब देकर पल्ला झाड़ने तक सीमित रहीं। किसानों ने खुद कदम उठाने का घोषणा की है।
