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हथिनीकुंड बैराज पर जलस्तर 73 हजार क्यूसिक, दिल्ली पर होगा असर

पहाड़ी इलाकों में बारिश से बढ़ा खतरा, यमुना में छोड़ा जा रहा पानी
यमुनानगर में बुधवार को हथिनीकुंड बैराज पर ठाठे मारता पानी। -हप्र
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पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है, हथिनीकुंड बैराज पर बुधवार सुबह जलस्तर 73 हजार क्यूसिक दर्ज किया गया। इससे दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ेगा, जबकि एक लाख क्यूसिक पानी आने पर उसे लो फ्लड माना जाता है। सायरन बजाकर बैराज के सभी 18 गेट खोले जाते हैं। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय गर्ग ने बताया कि बुधवार को सुबह 6:00 बजे 73 हजार क्यूसिक पानी हथिनीकुंड बैराज पर दर्ज किया गया। जिसमें से 61 हजार क्यूसिक पानी यमुना में छोड़ गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल 65 हजार क्यूसिक पानी यमुना में चल रहा है, जिसमें से 54 हजार क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि एक लाख क्यूसिक पानी होने पर उसे लो फ्लड माना जाता है, जिसके बाद बैराज पर सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया जाता है। इसकी सूचना प्रशासन को दी जाती है। बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए जाते हैं, लेकिन फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है। कार्यकारी अभियंता ने बताया कि उत्तराखंड के डाक पत्थर, पावंटा साहिब इलाकों में वर्षा के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ता है, जो हथिनीकुंड बैराज पर दर्ज किया जाता है। पिछले दो वर्षों से 70 हजार क्यूसिक के बजाय एक लाख क्यूसिक पानी हथिनीकुंड बैराज पर दर्ज होने के बाद उसे लो फ्लड माना जाता है, यानी अभी तक के मानसून सीजन में एक बार भी एक लाख क्यूसेक पानी दर्ज नहीं किया गया।

सर्तकता बरतने की अपील

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कार्यकारी अभियंता ने बताया कि इस समय दादूपुर हेड पर दस हजार क्यूसिक पानी की डिमांड है। इतना ही पानी उसमें छोड़ा जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वर्षा के दिनों में न तो स्वयं यमुना में जाएं या न अपने पशुओं को लेकर जाएं, क्योंकि पानी कभी भी ज्यादा आ सकता है। इससे परेशानी बढ़ सकती है।

सिंचाई विभाग की टीम यमुना तटबंध पर कर रही गश्त

पानीपत (हप्र) : पहाडों पर बारिश से हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे पानी छोड़ा जा रहा है। जिससें पानीपत जिले की सीमा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। यमुना नदी में बुधवार शाम को चेतावनी स्तर 231 मीटर के आसपास पानी था। यमुना में पानी का दबाव ज्यादा है और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार पानी अब 24 घंटे से भी कम समय में पानीपत की सीमा में प्रवेश कर जाएगा। यमुना पुल पर केंद्रीय जल आयोग के जेई व सिंचाई विभाग पानीपत के अधिकारियों का मानना है कि बुधवार रात तक पानी चेतावनी स्तर को पार करते हुए आगे निकल जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम अलर्ट है। बेलदारों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है और गांव राणा माजरा से लेकर हथवाला तक 36 किलोमीटर के एरिया में जेई मोहित व प्रदीप बेलदारों की टीमों के साथ यमुना तटबंध पर लगातार गश्त कर रहे है। एक्सईएन सुरेश सैनी व एसडीओ सतीश कुमार भी निरंतर यमुना में पानी व तटबंध की पल-पल की जानकारी ले रहे है और वे भी तटबंध का दौरा करके सारी स्थिति पर नजर रखे हुए है। एक्सईएन सुरेश सैनी का कहना है कि बाढ़ बचाओ प्रबंधन के तहत पुख्ता प्रबंध किये गये है और कोई भी खतरे वाली बात नहीं है। सिंचाई विभाग ने यमुना तटबंध के पास कई स्थानों पर एहतियात को तौर पर हजारों मिट्टी के कट्टे भरवा कर रखवाये हुए है। यमुना तटबंध के अंदर सैकडों किसानों द्वारा 10-12 हजार एकड़ में ईख, सब्जियां व चारे की खेती की जाती है। यमुना में ज्यादा पानी आने से कई हजार एकड़ में फसल पानी में डूब गई है।

 

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