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गांव डेरा बाजीगर के हर घर में पानी, 35 परिवारों ने मंदिर में जमाया डेरा

कालाअम्ब और नाहन के पहाड़ों में अब भले ही बारिश थम चुकी हो और नदी का जलस्तर भी पहले से कम हो गया हो, लेकिन मारकंडा नदी का कहर अभी भी जारी है। पहले से जमा पानी का प्रवाह अब...
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शाहाबाद के गांव डेरा बाजीगर में घुसा मारकंडा नदी का पानी। -निस
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कालाअम्ब और नाहन के पहाड़ों में अब भले ही बारिश थम चुकी हो और नदी का जलस्तर भी पहले से कम हो गया हो, लेकिन मारकंडा नदी का कहर अभी भी जारी है। पहले से जमा पानी का प्रवाह अब शाहाबाद और आसपास के निचले इलाकों में तबाही मचा रहा है। डेरा बाजीगर (पट्टी झामड़ा) में हालात बेहद खराब हैं। यहां हर घर में नदी का पानी घुस चुका है, जिससे करीब 35 परिवारों को घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। इनमें से कई परिवार अपने पशुओं समेत मारकंडा मंदिर के शेड के नीचे आश्रय लिए हुए हैं। गांव कठवा में हालात सबसे गंभीर बने हुए हैं। यहां शाहाबाद से जुड़ने वाली मुख्य सड़क पर 4 से 5 फुट पानी बह रहा है। पहले जहां लोग 2 से 3 फुट बहाव में निकलने की कोशिश कर रहे थे, अब वहां ट्रैक्टरों के सहारे ही रास्ता पार करना संभव हो पाया है। गांव के नुमाइंदों ने बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पानी से दूर रहने की सलाह दी है। गांव तंगौर में तो अब खेत ही नहीं, कई घर भी जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार यहां लगभग 70 प्रतिशत फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। इसी प्रकार अम्बाला के हेमामाजरा से बहकर आया नदी का पानी अब शाहाबाद के गांव पाडलु में प्रवेश कर गया है, जहां निचले हिस्सों में बने घरों में भी पानी घुस गया है। पाडलु के सरपंच रणजीत सिंह ने स्थिति को ‘सामान्य से बिल्कुल अलग’ बताया। इन सभी गांवों सहित गांव पाडलु में कई हजार एकड़ फसल पानी में जलमग्न देखी जा सकती है।

खोजकीपुर व नवादा आर में कटाव अभी भी जारी

पानीपत (हप्र) :

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जिले में यमुना का जलस्तर बुधवार को आधा मीटर और कम होकर अब 229.50 मीटर के पास चल रहा है, लेकिन गांव नवादा आर व खोजकीपुर में तटबंध के अंदर किसानों की भूमि पर कटाव अभी भी जारी है। नवादा आर में तो बुधवार को कटाव रोकने का कोई काम नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि कटाव वाले स्थान तक पहुंचने वाले रास्ते पर ही तटबंध के अंदर पानी भरा हुआ है। इसके चलते बुधवार को सिंचाई विभाग की टीम कटाव वाले स्थान तक पहुंच नहीं पाई। वहीं गांव खोजकीपुर में कटाव को रोकने के लिये सिंचाई विभाग के जेई हरीश ने बेलदारों व मजदूरों से कटाव में मिट्टी के कट्टें व पेड़ों की टहनियां डलवाई, ताकि कटाव को रोका जा सके।

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