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जल संरक्षण की अनदेखी : राव इंद्रजीत बोले- हर छह माह में जांचे रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

केंद्रीय योजना एवं सांख्यिकी राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम में जल संरक्षण की अनदेखी पर सख्त रुख दिखाया। जल संरक्षण नियमों के पालन में हो रही लापरवाही पर गंभीर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार द्वारा...
गुरुग्राम में शनिवार को केन्द्रीय योजना एवं सांख्यिकी राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह अधिकारियों के साथ विकास कार्यों को लेकर बैठक करते हुए।-हप्र
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केंद्रीय योजना एवं सांख्यिकी राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम में जल संरक्षण की अनदेखी पर सख्त रुख दिखाया। जल संरक्षण नियमों के पालन में हो रही लापरवाही पर गंभीर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों के बावजूद बिल्डर, हाउसिंग सोसायटियां और औद्योगिक इकाइयां जल संरक्षण के उपायों को केवल कागजों तक सीमित रख रही हैं।

राव इंद्रजीत ने गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) की बैठक में अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि ओक्युपेशन सर्टिफिकेट (OC) मिलने से पहले जल संरक्षण उपाय दिखाए जाते हैं, लेकिन उसके बाद इनका पालन नहीं होता। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्ष में दो बार इन उपायों की भौतिक जांच अनिवार्य रूप से की जाए।

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रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम,जल संरक्षण की अनदेखी की अनदेखी पर कार्रवाई के निर्देश

HUDA व अन्य विकास प्राधिकरणों के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि 150 गज से बड़े प्लॉटों पर मकान निर्माण में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है। बिल्डर प्रोजेक्ट्स में भी ये व्यवस्था जरूरी है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका उपयोग नहीं हो रहा। राव ने कहा कि यह क्षेत्र डार्क जोन की ओर बढ़ रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

एसटीपी की कमी से प्रदूषण फैला रहे बिल्डर

राव ने कहा कि उन्हें रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों से शिकायतें मिल रही हैं कि कई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स व औद्योगिक इकाइयों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) नहीं हैं। नतीजतन, गंदा पानी अवैध पाइपलाइनों व टैंकों से सार्वजनिक क्षेत्रों में छोड़ा जा रहा है। उन्होंने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

बरसाती नालों पर अवैध निर्माण,जल संरक्षण की अनदेखी की जांच के आदेश

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एम्बिएंस मॉल सहित कई बड़े प्रोजेक्ट्स द्वारा प्राकृतिक बरसाती नालों पर अवैध निर्माण किया गया है, जिससे मानसून में जलभराव की स्थिति बनती है। उन्होंने बरसाती रास्तों को बहाल करने और अवैध निर्माणों की विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द तैयार करने को कहा।

राव ने सुझाव दिया कि डीएलएफ और आसपास के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से आने वाले वर्षा जल के लिए कृत्रिम झीलों का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा पर्यटन विभाग की 15 एकड़ जमीन पर झील बनाकर बरसात के पानी को संग्रहित किया जा सकता है, जिससे भूजल स्तर बढ़ेगा और जलभराव की समस्या से राहत मिलेगी।

राव इंद्रजीत सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल संरक्षण नियमों की सख्त निगरानी होनी चाहिए और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उनका मानना है कि यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो गुरुग्राम की जल स्थिति और गंभीर हो सकती है।

केंद्रीय टीम ने जल संरक्षण कार्यों की गहन समीक्षा की, अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

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