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शिक्षा व संवेदना का प्रतीक बना ‘वरच्युस बुक बैंक’

वरच्युस क्लब (इंडिया) द्वारा संचालित ‘वरच्युस बुक बैंक’ आज शिक्षा और संवेदना को जोड़ने वाली एक प्रेरणादायक सामाजिक पहल बन चुका है। इस प्रकल्प के माध्यम से अब तक 262 विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तकें, स्कूल बैग और शैक्षणिक सामग्री...
वरच्युस क्लब (इंडिया) द्वारा संचालित ‘वरच्युस बुक बैंक’। -निस
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वरच्युस क्लब (इंडिया) द्वारा संचालित ‘वरच्युस बुक बैंक’ आज शिक्षा और संवेदना को जोड़ने वाली एक प्रेरणादायक सामाजिक पहल बन चुका है। इस प्रकल्प के माध्यम से अब तक 262 विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तकें, स्कूल बैग और शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध करवाई गई हैं। इनमें 144 विद्यार्थियों को नई किताबों के सेट तथा 118 विद्यार्थियों को दान में मिली पुरानी किताबों के सेट प्रदान किए गए हैं।

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इस प्रकल्प की सबसे विशेष बात यह है कि विद्यार्थी स्वयं इसमें भागीदार बन, अपनी कक्षा पूरी करने के बाद अपनी पुरानी किताबें क्लब को भेंट करते हैं, ताकि वे किसी अन्य विद्यार्थी की नई राह बन सकें। क्लब के संस्थापक केशव शर्मा की प्रेरणा और समाज के सहयोग से यह अभियान निरंतर आगे बढ़ रहा है।

अब यह लाइब्रेरी केवल स्कूल या कॉलेज की पुस्तकों तक सीमित नहीं रही। यहां नीट, जेईई, नेट, सीए फाउंडेशन, साहित्य और सामान्य ज्ञान से जुड़ी पुस्तकों का भी संग्रह उपलब्ध है।

प्रकल्प प्रमुख सोनू बजाज ने बताया कि यह ‘बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें’ अभियान से जुड़ा एक स्थायी प्रोजेक्ट है, जिसकी शुरुआत 23 अप्रैल, 2024 को वरच्युस भवन से की गई थी। संचालन समिति में प्रवीन बांडी, डॉ. बीर चंद गुप्ता, अध्यापक रमेश सेठी और सोनू बजाज शामिल हैं। क्लब प्रधान हरदेव गोरखी ने बताया कि यह लाइब्रेरी हर शनिवार शाम 5:30 से 7 बजे तक खुली रहती है, जहां कोई भी व्यक्ति किताबें दे भी सकता है और ले भी सकता है।

 

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