इथनोल फैक्टरी के खिलाफ डटे ग्रामीण, सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों का कहना है कि फैक्टरी से जुड़े भारी ट्रक और ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क किनारे खड़े रहते हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित होता है। स्कूली बसों तक को जाम में फंसना पड़ता है। गांव देसुजोधा, पन्नीवाला रुलदू, हैबुआना व मांगेआना के प्रतिनिधियों ने कहा कि फैक्टरी के बाहर न तो पार्किंग है, न ही सर्विस रोड की कोई व्यवस्था। खेतों के रास्ते तक बंद हो जाते हैं।
20 जनवरी 2023 को ग्रामीणों के धरने के बाद फैक्टरी प्रबंधन ने हल्फिया बयान में 23 वादे किए थे, जिनमें ध्वनि और वायु प्रदूषण न फैलाना, किसानों को पौधों के लिए आर्थिक मदद देना, स्थानीय युवाओं को रोज़गार देना और सीएसआर फंड का गांवों के विकास में उपयोग करना है। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि कोई भी वादा आज तक जमीन पर नहीं उतरा।
एसडीएम अर्पित संगल ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा दी गई शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। हम फैक्टरी प्रबंधन के साथ बैठक कर सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे। यदि वादे पूरे नहीं हुए हैं या जाम जैसी समस्याएं बनी हुई हैं, तो कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सड़क सुरक्षा व सीएसआर के दायरे में फैक्टरी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी।
सभी वादे किये पूरे : प्रबंधन
ई20 ग्रीन फ्यूल्स प्रा. लि. के सीईओ सुखप्रीत सिंह उर्फ हैरी ग्रोवर ने ग्रामीणों के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि हमने हल्फिया बयान के अनुरूप सभी वादे निभाए हैं। फैक्टरी में पार्किंग, एम्बुलेंस जैसी व्यवस्थाएं मौजूद हैं। सीएसआर के तहत कई गांवों में सहयोग दिया गया है। यह विरोध केवल हमें बदनाम करने का प्रयास है।