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गांव चौटाला में सड़कों की दुर्दशा पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, एसडीओ और जेई को बनाया बंधक

सरकारी गाड़ी के टायरों की निकाली हवा, गांव पूरी तरह बंद, प्रशासन पर वादाखिलाफी का आरोप
डबवाली के गांव चौटाला में लोक निर्माण विभाग की सरकारी गाड़ी की हवा निकलते धरनारत ग्रामीण।  -निस
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राजनीतिक दृष्टि से अहम माने जाने वाले गांव चौटाला में सड़क निर्माण और सीवरेज पाइपलाइन बिछाने में लापरवाही को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश सोमवार को फूट पड़ा। निर्धारित 3 दिन के अल्टीमेटम के बाद भी कार्य शुरू न होने पर ग्रामीणों ने गांव को पूरी तरह बंद कर दिया और लोक निर्माण विभाग (बीएंडआर) के एसडीओ परमजीत सिंह भुल्लर और जेई हरपाल सिंह को धरनास्थल पर ही बंधक बना लिया। ग्रामीणों ने अधिकारियों की सरकारी गाड़ी के टायरों की हवा भी निकाल दी और चेतावनी दी कि जब तक एसई सिरसा और एसडीएम मौके पर नहीं पहुंचते, तब तक दोनों अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा। धरने की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश फगोड़िया और कुंवरवीर हिटलर ने बताया कि 16 जुलाई को धरने के दौरान एसडीओ ने लिखित आश्वासन दिया था कि जब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होता तो सड़कों को मेंटेन रखा जाएगा, लेकिन यह वादा भी हवा में उड़ गया। अब बारिश के चलते सड़कों कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। बता दें कि सीवरेज पाइपलाइन और जल सप्लाई पाइपलाइन बिछाने के लिए जन स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग द्वारा गांव की ज्यादातर सड़कों और गलियों को तोड़ा गया था। कई महीनों से बीएंडआर विभाग के अधीन मुख्य सड़कों का पुनर्निर्माण नहीं हुआ, जिससे हालात और बदतर हो गए। ग्रामीण कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं, फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए करीब 4.5 करोड़ रुपये बीएंडआर विभाग को जमा करवा दिए गए हैं। राकेश फगोड़िया ने आरोप लगाया कि बंधक बनाए गए एसडीओ ने यह कहकर गुमराह किया कि सड़कों को बिना अनुमति तोड़ने के मामले में जन स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, लेकिन वास्तव में ऐसा कोई केस दर्ज नहीं किया गया। उधर, एसडीओ परमजीत भुल्लर ने कहा कि चौटाला की सड़कों के निर्माण का एस्टमेट मुख्यालय को भेजा जा चुका है और कार्यकारी अभियंता चंडीगढ़ में टेंडर प्रक्रिया के लिए मौजूद हैं।

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एसडीएम के भरोसे पर रिहा हुए अधिकारी

करीब 3 घंटे तक बंधक बने रहने के बाद एसई सिरसा व एसडीएम डबवाली द्वारा फोन पर आश्वासन दिया गया कि वे जल्द मौके पर पहुंचेंगे। इसके बाद एसडीओ ने पुनः लिखित रूप में आश्वासन दिया कि सड़क निर्माण नहीं होता, तब तक सड़कों को मेंटेन किया जाएगा। समाप्त किया गया व दोनों अधिकारियों को छोड़ा गया।एसडीएम अर्पित संगल ने कहा कि मामला संज्ञान में है। सड़कों के निर्माण हेतु डीएनआईटी को स्वीकृति मिल चुकी है, अब जल्द ही टेंडर प्रक्रिया की जाएगी।

 

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