वैदिक संस्कृति ही सच्चे ज्ञान व शिक्षा का आधार : आचार्य देवव्रत
गुरुकुल का 2 दिवसीय वार्षिकोत्सव समारोह वैदिक मूल्यों व आधुनिक शिक्षा के प्रति समर्पण की भावना के साथ मनाया गया। समारोह का शुभारंभ 15 अक्तूबर को दोपहर 3 बजे एक भव्य विज्ञान व ललित कला प्रदर्शनी से हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान के साथ-साथ अपनी कल्पनाशक्ति और सृजनशीलता को दर्शाने वाली सुंदर कलाकृतियां प्रदर्शित कीं। प्रदर्शनी का उद्घाटन गुजरात एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया। उन्हाेंने विद्यार्थियों से कहा कि वैदिक संस्कृति ही सच्चे ज्ञान और शिक्षा का आधार है। गुरुकुल निदेशक ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार ने संस्थान की शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला, जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नैतिक मूल्यों का सुंदर समन्वय किया गया है। मंच संचालन मुख्य संरक्षक संजीव कुमार आर्य ने किया। देशबंधु आर्य ने आर्य समाज का ध्वज फहराकर समारोह के औपचारिक चरण की शुरुआत की। आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के महामंत्री उमेद शर्मा ने विद्यार्थियों को बताया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल शैक्षणिक सफलता प्राप्त करना नहीं है, बल्कि चरित्र निर्माण, अनुशासन और सेवा भावना का विकास भी आवश्यक है।
गुरुकुल के अध्यक्ष राजकुमार गर्ग ने विद्यार्थियों की मेहनत, प्रतिभा और रचनात्मकता की सराहना की। समारोह के अंत में देशबंधु आर्य ने अपने प्रेरणादायक और मार्गदर्शक शब्दों से विद्यार्थियों को उत्साहित किया। उन्होंने युवाओं को आर्य समाज के आदर्शों पर चलने और समाज की उन्नति में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित किया। वार्षिकोत्सव का पहला दिन भारत की गौरवशाली वैदिक परंपरा और युवा पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के विश्वास से परिपूर्ण वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विदित हो कि 16 अक्तूबर को समारोह में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचेंगे, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल आचार्य देवव्रत करेंगे।