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दलित उत्पीड़न के खिलाफ विभिन्न संगठनों का गुरुग्राम में जोरदार प्रदर्शन

गुरुग्राम में दलित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विभिन्न संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। वाई पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए विवश करने वाले अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को अनुसूचित जाति और जनजाति से...

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गुरुग्राम में मंगलवार को दलित उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते विभिन्न संगठनों के सदस्य। -हप्र
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गुरुग्राम में दलित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विभिन्न संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया। वाई पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए विवश करने वाले अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंगलवार को अनुसूचित जाति और जनजाति से जुड़े सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने  विरोध जताया। यह प्रदर्शन श्री प्रेम मंदिर से शुरू होकर उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचा, जहां राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।

दलित उत्पीड़न अभी भी समाज में मौजूद : कदम

दलित नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह कदम ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद देश में जातिगत भेदभाव अभी भी गहराई से व्याप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी, जिनमें मुख्य रूप से हरियाणा पुलिस के सह निदेशक, राज्य के मुख्य सचिव और अन्य 15 प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं, सामंती सोच के तहत दलित अधिकारियों पर लगातार उत्पीड़न कर रहे हैं।

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प्रताप सिंह कदम ने हाल की कुछ गंभीर घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर तो भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने जैसे निंदनीय कृत्य पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, वहीं उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के गंदागंज थाना क्षेत्र में चोरी के संदेह में एक दलित युवक श्री हरिओम वाल्मीकि को अमानवीय तरीके से पीट-पीटकर मार डाला गया।

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उन्होंने बताया कि युवक को नंगा कर, हाथ-पैर बांधकर, गर्दन पर पैर रखकर डंडों और लोहे की रॉड से गुप्तांग पर प्रहार किया गया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। अभी तक पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

इन सभी जातीय अत्याचारों के विरोध में आज का यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोग

हुकम चंद पुनिया, बलवान सिंह रंगा (डॉ. अंबेडकर सभा), रतन सिंह बडगुजर (प्रधान, सेक्टर-4), रन सिंह सामभरिया, जय भगवान बौद्ध (पूर्व महासचिव), जितेंद्र कुमार (राष्ट्रीय समन्वयक, भारतीय बौद्ध महासभा), पर्ल चौधरी, ऊषा सरोहा, कुलदीप ग्रोवर, राम मेहर कटरिया, राजेंद्र कुमार (रिटायर्ड रेलवे अधिकारी), रतिराम, भूप सिंह (रिटायर्ड एक्सियन), कैप्टन प्रेम सिंह (धानक सभा), ओमप्रकाश कायत, अनिल धानक (कबीर सभा) आदि मौजूद रहे।

इनके अलावा  डॉ. के लाल, राजकुमार ढिकवाल, ज्ञानेश्वर कुमार (वाल्मीकि सभा), योगेंद्र सारवान (महापंचायत प्रधान), हरकेश कुमार बोहत, चमन लाल सौदा, कैलाश दौलताबाद, युद्धवीर साहनी (संत गुरु रविदास सभा, जैकबपुरा), कृष्ण कुमार, सुरेंद्र कदम, पवन चौधरी, पंकज डावर, विजय सरपंच (बसपा), रवींद्र तंवर, अनिल तंवर, देवा प्रधान, रामे प्रधान, अधिवक्ता जल सिंह तंवर, रोहित मदान, मोहन खुरानिया, रोहित नोनीवाल, प्रदीप कुमार, गौरव टांक, सुनील कटारिया, वीना हंस, संजय सुखराली सहित सैकड़ों लोगों ने भी भाग लिया।

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