एक ही स्टांप पेपर पर कर दी दो-दो रजिस्ट्रियां
मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 4 मार्च
तहसील कार्यालय में एक ही स्टांप पेपर को दो-दो रजिस्ट्री में लगाने के मामले थम नहीं रहे। दैनिक ट्रिब्यून के 20 फरवरी के अंक में एक मामला प्रकाशित होने के बाद अब ऐसे ही तीन और मामले सामने आए हैं, जिनमें एक ही स्टांप पेपर को दो-दो रजिस्ट्रियाें में लगाया गया है। सभी की नकल दैनिक ट्रिब्यून के पास हैं। इस कृत्य से राजस्व विभाग को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया है। इसके अलावा बिना किसी संबंध के अवैध काॅलोनियों में प्रॉपर्टी ट्रांसफर के मामले भी कई हैं।
पहला मामला
इला नारंग ने 7 अप्रैल 2023 को फतेहाबाद स्थित अल्फा कॉर्प डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के अल्फा सिटी सेक्टर-4 के नर्सिंग होम प्लॉट नंबर-1 की कन्वेयंस डीड के लिए कागजात दिए। जिसमें दो स्टांप पेपर मूल्य 3 लाख 7 हजार रुपये और 4 लाख पांच हजार के लगाए गए। तीन लाख सात हजार के स्टांप पेपर का न.एफ 0312023सी 31 तथा जी आर एन न.100877681 था। बताया गया है कि अब असली खेल शुरू हुआ। जबकि 4 लाख पांच हजार के स्टांप पेपर का जीआरएन नंबर 100877637 था। स्टांप वेंडर से दोनों ही स्टांप पेपर 31 मार्च 2023 को लिए गए। रजिस्ट्री टाइप करते समय दोनों स्टांप पेपर लगाकर उन पर प्लॉट की दो कीमतें लिखी गई।
एक कीमत वर्ष-2012 को अलॉटमेंट दिखाकर 79 लाख 47 हजार 125 रुपए। जिसकी स्टांप फीस 4 लाख पांच हजार रुपये बनती थी। दूसरी कीमत उसी दिन 7 अप्रैल 2023 के कलेक्टर रेट के अनुसार एक करोड़ 42 लाख, 37 हजार 520 रुपए बनती थी। जिसकी स्टांप फीस 7 लाख 12 हजार बनती थी। इतनी ही कीमत के स्टांप पेपर लगाए गए थे।
अब हुआ यूं कि तहसील कार्यालय ने रजिस्ट्री करते समय वर्ष 2012 के अलॉटमेंट के रेट के अनुसार स्टांप फीस 4, 05,000 दिखा दी, जबकि रजिस्ट्री दोनों स्टांप पेपरों पर ही लिखी हुई हैं तथा रजिस्ट्री के पहले पृष्ठ पर दोनों स्टांप पेपरों के नंबर दर्ज है। स्टांप पेपरों की कुल कीमत 7,12, 000 दर्शा दी। इसे तहसील कार्यालय ने 7 अप्रैल 2023 को पंजीकृत कर दिया तथा पंजीकृत करते समय मिलीभगत से 4,05,000 के स्टांप पेपर को तो डी फेस कर दिया लेकिन 3,07,000 के स्टांप पेपर की एंट्री ही नहीं की गई, ताकि इसे पुनः प्रयोग किया जा सके। हैरत तो तब हुई जब 7 अप्रैल को की गई रजिस्ट्री नं. 116 में लगा 3 लाख 7 हजार का स्टांप पेपर 31 मई 2023 को रजिस्ट्री करवाने आए वेद प्रकाश पुत्र किशन लाल ने भी लगा दिए तथा तहसील कार्यालय ने उसकी रजिस्ट्री भी कर दी लेकिन करीब सौ गज के एससीओ न 2 सेक्टर 4 की जो रजिस्ट्री करवाई उस 3 लाख 7 हजार के उसी स्टांप पेपर पर खरीददार का नाम बदला हुआ था। 7 अप्रैल 2023 को हुई रजिस्ट्री नंबर 116 में खरीदार इला नारंग थी, जबकि 31 मई 2023 को हुई रजिस्ट्री नंबर 1895 में उसी नंबर के स्टांप पेपर पर खरीदार वेद प्रकाश पुत्र किशन लाल फतेहाबाद था।
दूसरा मामला
इसी प्रकार दूसरा मामले में 23,550 के मूल्य का स्टांप नंबर एफ0यू 2023एल 237 का यूज रजिस्ट्री नंबर 8519 व रजिस्ट्री नंबर 9029 दोनों में किया गया है। तीसरे मामले में 22,200 रुपए मूल्य का स्टांप नंबर एफ0ई 2024ए 163 रजिस्ट्री नंबर 8894 व 9027 में यूज किया गया।
डीसी बोलीं
डीसी मनदीप कौर ने कहा कि वे कागजात देखे बिना कुछ भी कैसे कह सकती हैं।
करोड़ों के घोटाले की आशंका
आरटीआई कार्यकर्ता राधेश्याम सोनी ने फतेहाबाद तहसील कार्यालय में स्टांप घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने दावा किया है कि फतेहाबाद तहसील कार्यालय में करोड़ों का स्टांप घोटाला हुआ है। यदि बीते चार साल की रजिस्ट्रियों की जांच की जाए तो शायद अब तक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।