रोहतक में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अमेरिका द्वारा एच-1बी वीज़ा की आवेदन फीस को 1000 डॉलर से बढ़ाकर 100000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) किए जाने पर गहरी चिंता जताते हुए इसे भारतीय युवाओं और देश के आर्थिक हितों के खिलाफ करार दिया है।
रविवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय पेशेवरों पर एक और करारी चोट है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल भारतीय युवाओं के लिए अमेरिका में काम करने के अवसर लगभग समाप्त हो जाएंगे, बल्कि इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर रूप से पड़ेगा।
भारतीय युवाओं का सपना चकनाचूर : कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, "बीजेपी सरकार देश में रोजगार देने में असफल रही है। पढ़े-लिखे युवाओं ने विदेशों में नौकरी के माध्यम से अपना भविष्य बनाने का सपना देखा था, लेकिन केंद्र की गलत नीतियों ने वह सपना भी तोड़ दिया।"
उन्होंने आरोप लगाया कि "भारतीय युवाओं को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर वापस भेजने वाले ट्रंप का यह नया कदम साफ दिखाता है कि अब अमेरिका में उनके लिए रोजगार के दरवाजे बंद होते जा रहे हैं।"
सरकार की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण
हुड्डा ने सवाल उठाया कि केंद्र की भाजपा सरकार इस गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप को अपना गहरा दोस्त बताते हैं, फिर भी भारत के खिलाफ एक के बाद एक फैसलों पर उनकी चुप्पी हैरान करने वाली है। सरकार को चाहिए कि वह कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर भारतीय पेशेवरों और कंपनियों के हितों की रक्षा करे और अमेरिका पर दबाव बनाए।"
हरियाणा के उद्योगों पर भी पड़ा असर
हुड्डा ने इससे पहले अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ का भी उल्लेख किया, जिससे हरियाणा के उद्योगों पर बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा, "50 प्रतिशत टैरिफ से हजारों करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट आधारित उद्योग बंद होने की कगार पर हैं और लाखों श्रमिकों का रोजगार खतरे में है।"
बेरोजगारी से जूझ रहा है हरियाणा : कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार की विदेश नीति और व्यापारिक रणनीति में भारी खामियों के कारण हरियाणा जैसे औद्योगिक राज्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, "हरियाणा में बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक है। सरकारी विभागों में भर्तियां नहीं हो रही हैं, भर्ती घोटालों से युवा हताश हैं।"
दीपेंद्र ने बताया कि राज्य के हजारों युवा कर्ज लेकर, जमीन-जायदाद बेचकर विदेशों की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन अब विदेशों में भी रोजगार के रास्ते बंद होते जा रहे हैं।