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पट्टीकल्याणा आश्रम में श्रमदान करके राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि

समालखा, 30 जनवरी (निस) पट्टीकल्याणा स्थित गांधी स्मारक निधि एवं स्वाध्याय आश्रम में बृहस्पतिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर प्रातः 9:30 बजे से 10:30 बजे तक आश्रम परिसर में सामूहिक श्रमदान कर श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा...
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समालखा, 30 जनवरी (निस)

पट्टीकल्याणा स्थित गांधी स्मारक निधि एवं स्वाध्याय आश्रम में बृहस्पतिवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर प्रातः 9:30 बजे से 10:30 बजे तक आश्रम परिसर में सामूहिक श्रमदान कर श्रद्धांजलि दी गई।

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श्रद्धांजलि सभा मे 2 मिनट का मौन रखा गया और सर्वधर्म प्रार्थना की गई। प्रार्थना के पश्चात गांधी स्मारक निधि पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा गांधी जी का प्रिय भजन वैष्णव जन तने कहिए प्रस्तुत किया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए संस्था के न्यासी मंडल की सदस्या हेमलता रावत ने महात्मा गांधी जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होने गांधी जी से जुड़े कुछ संस्मरण सांझा करते हुए बताया कि गांधी जी ने सन 1942 में ब्रिटिश सरकार की नींव को हिलाने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की, ब्रिटिश सरकार ने उनकी प्रेस पर ताला लगा दिया और उनकी प्रतियां जला दी थी। लेकिन महात्मा गांधी ने 10 फरवरी 1946 को फिर से प्रेस को चालू किया,लेकिन तब तक भारत स्वतंत्रता की दहलीज पर आ चुका था। 15 अगस्त 1947 का दिन आया भारत आजाद हुआ लेकिन उनकी हत्या के प्रयास किए गए। 20 जनवरी 1948 को बिड़ला हाउस में बम फेंक कर उनकी हत्या का प्रयास किया गया परंतु गांधी जी उस समय बच गए थे। बिरला हाउस की एक दीवार गिर गई थी। गांधीजी ठीक 5 बजे प्रार्थना के लिए जाया करते थे। 30 जनवरी 1948 को वल्लभभाई पटेल,नेहरू जी एवं गांधी जी वार्तालाप कर रहे थे वार्ता करते-करते उनकों ध्यान नहीं रहा जब उन्होंने समय देखा तो समय 5:10 हो रहा था वह तुरंत उठे और बिड़ला हाउस की तरफ प्रार्थना के लिए चल दिए उनके साथ उनकी भतीजी आभा और मनु थी। उस समय भीड़ को चीरता हुआ एक आदमी आता है जो कि नाथूराम गोडसे था उन्होंने महात्मा गांधी को झुककर प्रणाम किया अपनी बंदूक निकाली और महात्मा गांधी को तीन गोलियां उनके सीने में दाग दी। वहीं पर उनके मुंह से है राम शब्द निकला और उनका निधन हो गया। महात्मा गांधी की मौत का समाचार पूरी दिल्ली में फैल गया। लोग अपने महान राष्ट्रीय नेता के अंतिम दर्शन के लिए एक-एक करके आने लगे और उन्होंने इच्छा जाहिर की कि जो हमारे राष्ट्रपिता है उनके अंतिम दर्शन कराया जाए । उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आश्रम परिसर में 31 जनवरी 2025 से 11 फरवरी 2025 तक प्रतिदिन सायं चार बजे से पांच बजे तक एक घंटा स्वाध्याय व चरखा कताई की जाएगी और 12 फरवरी को गांधी जी का अस्थि विसर्जन दिवस ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र में मनाया जाएगा। इस अवसर पर गांधी स्मारक निधि के कार्यकर्ता डॉ. आकाश बिसोने, धर्मपाल,रोशन लाल,गिरिराज,सोनू, संजय, गोविंद, राजेश,योगेंद्र यादव, राहुल,विमलेश, लक्ष्मी, संतोष, रानो,गुड्डी स्कूल स्टाफ एवं बच्चे उपस्थित रहे।

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