ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरके पर्यटक, शिल्पकारों ने बिखेरी कला
- ब्रह्मसरोवर पर लोक संस्कृति के संगम ने छोड़ी अनोखी छाप, पर्यटकों में भरा जोश
ब्रह्मसरोवर के तट पर 5 दिसंबर तक चल रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान स्थापित की है। महोत्सव में ब्रह्मसरोवर की मध्यम लहरों और लोक संस्कृति के अनोखे संगम ने पर्यटकों पर गहरी छाप छोड़ी है। महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकार अपने-अपने प्रदेशों की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत कर रहे हैं। एनजेडसीसी की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में बीन, बांसुरी, कच्ची घोड़ी नृत्य, नगाड़े और ढोल की थाप पर पर्यटक झूमते नजर आए। लोक कलाकारों की धुन, सुमधुर आवाज और कला के जादू के सामने यहां आने वाला हर पर्यटक अपने आप को इस माहौल में डूबने से रोक नहीं पा रहा है। लोक संस्कृति के इस भव्य प्रदर्शन ने आगंतुकों में उत्साह और जोश भर दिया है। 15 नवंबर से जारी महोत्सव ने लोक कलाकारों को अपने कला कौशल को जीवित रखने और आगे बढ़ाने के लिए एक अनोखा अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया है।
शिल्पकारों की कला बनी आकर्षण का केंद्र
-महोत्सव में शामिल शिल्पकारों का कहना है कि वे अपनी परंपरागत कला को संरक्षित रखने के लिए अपने-अपने राज्यों में हजारों युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। सरस क्राफ्ट मेले में विभिन्न राज्यों के कलाकारों द्वारा प्रदर्शित हस्तशिल्प ने पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया है। सांगवान की लकड़ी से बने पॉट और कार्विंग कला की खूब सराहना की जा रही है।
-सहारनपुर से आए शिल्पकार आरिफ कई वर्षों से इस महोत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह महोत्सव पारंपरिक कलाकारों को न केवल मंच दे रहा है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दे रहा है। इस वर्ष मेले में मिट्टी के बर्तनों के कई स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ये बर्तन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी माने जाते हैं।
-महिलाओं के लिए लेदर हैंडबैग और पुरुषों के लिए पर्स भी पर्यटकों को खूब पसंद आ रहे हैं। शुद्ध लेदर के पर्स की कीमत 1000 रुपए और महिलाओं के हैंडबैग की कीमत 2500 रुपए रखी गई है। इनके अलावा 250 रुपए तक के किफायती विकल्प भी उपलब्ध हैं।
निपुण पंडाल बना चर्चा का विषय
क्राफ्ट मेले में लगा शिक्षा विभाग का निपुण पंडाल भी विशेष आकर्षण बना हुआ है। लाखों लोग इस पंडाल में पहुंचकर नई शिक्षा नीति और शिक्षण के नए तरीकों की जानकारी ले रहे हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी विनोद कौशिक के मार्गदर्शन में एफएलएन समन्वयक महावीर आत्रेय और टीम लोगों को विस्तार से जानकारी दे रही है। यह स्टॉल "निपुण हरियाणा मिशन" की उपलब्धियों और संकल्प को प्रदर्शित कर रहा है। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा गीता जयंती के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
