खरीद की घोषणा के 3 दिन बीते.. नहीं खरीदा गया एक भी दाना
नमी का बहाना, असली वजह राइस मिलर्स का मंडियों में न आना
समर्थन मूल्य पर धान की सरकारी खरीद की घोषणा के 3 दिन बीतने के बाद भी करनाल की मंडियों में एक भी दाना नहीं खरीदा गया। आढ़ती, एजेंसी अधिकारी, मंडी अधिकारी और किसान बेसब्री से मंडियों में राइस मिलरों का इंतजार कर रहे।
जब तक राइस मिलर्स मंडियों में खरीद के लिए नहीं आते, तब तक खरीद सही मायनों में शुरू हो ही नहीं सकती, हालांकि धान खरीद का कार्य खरीद एजेंसियां का होता है।
इसके बावजूद ये भी सच है कि राइस मिलर्स के बिना खरीद कार्य संभव ही नहीं हो सकता। यही वजह है कि सरकार की घोषणा के 3 दिन बीतने के बाद भी मंडियों में धान का एक भी दाना नहीं खरीदा गया। समर्थन मूल्य पर धान की खरीद नहीं होने के पीछे मंडी प्रशासनिक अधिकारी, खरीद एजेंसियों द्वारा बड़ा तर्क दिया जा रहा है कि जो धान किसान मंडियों में लेकर आ रहे हैं, उसमें नमी की मात्रा निर्धारित मापदंडों से बहुत ज्यादा है। इसलिए धान किसी भी हालात में नहीं खरीदा जा सकता।
जबकि सच्चाई इसके विपरीत है, क्या ये हो सकता है कि 3 दिन से लगातार मंडियों में धान आ रहा है और उसमें एक भी ढेरी में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत नहीं है? धान खरीद न होने के पीछे मुख्य कारण राइस मिलर्स द्वारा रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना था। मंगलवार से राइर्स मिलर्स ने रजिस्ट्रेशन के लिए फाइलें जमा करवाना शुरू किया है, बुधवार को भी फाइलों को ऑनलाइन करना जारी रहेगा। संभावना है कि शुक्रवार-शनिवार को राइस मिलर्स को धान अलॉट हो जाएगी। इसके बाद धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी। इन सबके बीच सवाल उठता है कि जो धान मंडियों में प्राइवेट में बिक चुका होगा, उसकी निगरानी कैसे होगी?
डीएफएससी बोले
डीएफएससी अनिल ने बताया कि राइस मिलर्स ने पंजीकरण के लिए फाइले जमा करवा दी है, राइस मिल अलॉट करने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि बुधवार तक मंडियों में धान की खरीद नहीं हो पाई, क्योंकि जो धान मंडियों में आ रहा है] उसमें नमी की मात्रा 21 से 25 प्रतिशत बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि खरीद एजेंसियां धान खरीदने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, सभी तैयारियां पूरी हैं।
मंडी सचिव का कहना है
मंडी सचिव आशा ने बताया कि मंडी में खरीद को लेकर सभी तैयारियां पूरी हैं। बुधवार तक धान की खरीद नहीं हो पाई, क्योंकि मंगलवार को धान में नमी की मात्रा 30 से 35 प्रतिशत जबकि बुधवार को 25 से 30 प्रतिशत पाई गई। इसलिए खरीद नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि जिस भी ढेरी में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत होगी, उसे तुरंत ही खरीद लिया जाएगा।
आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन बोले
हरियाणा अनाजमंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश चौधरी ने बताया कि मंडी में जो किसान धान लेकर आ रहे है, उसमें नमी की मात्रा 17 से 20 प्रतिशत है।
असली सवाल ये है कि जब तक मंडियों में धान खरीदने के लिए राइस मिलर्स नहीं आएगे, तब तक धान खरीद कार्य हो नहीं सकता।
इसलिए खरीद एजेंसी के अधिकारी भी राइस मिलर्स का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि खरीदा गया धान किस मिल में भेजा जाएगा, इसकी जानकारी भी होनी चाहिए।
राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान ने बताया
करनाल राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान सौरभ गुप्ता ने बताया कि राइस मिलर्स ने विभाग के पास रजिस्ट्रेशन के लिए कागजात जमा करवा दिए हैं, वे धान मिलों में उतरवाने के लिए तैयार हैं।
खरीद एजेंसियां धान खरीदकर मिलों में पहुंचा दें। वे सीएमआर का काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।