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पाप मोचनी एकादशी पर हजारों श्रद्धालुओं ने किया स्नान और पिंडदान

सुभाष पौलस्त्य/निस पिहोवा, 25 मार्च प्रशासन द्वारा प्रकाश सफाई सुरक्षा जल इत्यादि की कोई व्यवस्था न किए जाने व प्रशासन की बेरुखी के बावजूद आज एकादशी के पावन पर्व पर हिमाचल से आकर हजारों श्रद्धालुओं ने सरस्वती तीर्थ पर अपने...

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सुभाष पौलस्त्य/निस पिहोवा, 25 मार्च प्रशासन द्वारा प्रकाश सफाई सुरक्षा जल इत्यादि की कोई व्यवस्था न किए जाने व प्रशासन की बेरुखी के बावजूद आज एकादशी के पावन पर्व पर हिमाचल से आकर हजारों श्रद्धालुओं ने सरस्वती तीर्थ पर अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए पिंडदान किया। प्रशासन तो सरस्वती तीर्थ में सही ढंग से जल उपलब्ध न कर सका, परंतु ब्राह्मण समुदाय द्वारा दो कुंड में ट्यूबवैल के माध्यम से जल भर दिए जाने के कारण श्रद्धालुओं ने इस जल में स्नान किया तथा पिंडदान किया। पापमोचनी एकादशी के अवसर पर शिमला सोलन अर्की भाजी सहित हिमाचल के विभिन्न भागों से हजारों श्रद्धालु सरस्वती पर आते हैं तथा पिंडदान करते हैं। गत रात्रि से ही श्रद्धालुओं ने अपने निजी वाहनों के द्वारा सरस्वती सरोवर की ओर आना शुरू कर दिया था। सरस्वती तीर्थ के चारों ओर वाहनों की कतारें लग गई सुबह 4:00 बजे से पहले ही श्रद्धालु मां सरस्वती के तट पर पहुंचने शुरू हो गए। श्रद्धालुओं ने जल भरे कुंड में स्नान किया तथा पिंडदान शुरू कर दिया। लगभग 30 हजार से भी अधिक श्रद्धालु सरस्वती सरोवर पर पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं का लगातार आना अभी भी जारी है। श्रद्धालु जहां अपने मृतक पूर्वजों के प्रति पिंडदान कर रहे हैं, वहीं उनकी प्यास बुझाने के लिए पीपल में जल भी डाल रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में होने के कारण कुछ मृतकों की शव न मिलने वालों के परिजन तीर्थ किनारे ही आटे के शव बनाकर संस्कार भी कर रहे हैं। कुल मिलाकर जहां प्रशासन की ओर से पिहोवा का चैत्र मेला 27 मार्च से विधिवत रूप से शुरू होगा। वहीं, आज पाप मोचनी एकादशी पर 30000 से भी अधिक श्रद्धालु तीर्थ में स्नान व पिंडदान के लिए आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पहले चैत्र का मेला 5 दिन का ही होता था, परंतु प्रशासन ने इसे 3 दिन का कर दिया।
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सुभाष पौलस्त्य/निस

पिहोवा, 25 मार्च

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प्रशासन द्वारा प्रकाश सफाई सुरक्षा जल इत्यादि की कोई व्यवस्था न किए जाने व प्रशासन की बेरुखी के बावजूद आज एकादशी के पावन पर्व पर हिमाचल से आकर हजारों श्रद्धालुओं ने सरस्वती तीर्थ पर अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए पिंडदान किया।

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प्रशासन तो सरस्वती तीर्थ में सही ढंग से जल उपलब्ध न कर सका, परंतु ब्राह्मण समुदाय द्वारा दो कुंड में ट्यूबवैल के माध्यम से जल भर दिए जाने के कारण श्रद्धालुओं ने इस जल में स्नान किया तथा पिंडदान किया। पापमोचनी एकादशी के अवसर पर शिमला सोलन अर्की भाजी सहित हिमाचल के विभिन्न भागों से हजारों श्रद्धालु सरस्वती पर आते हैं तथा पिंडदान करते हैं। गत रात्रि से ही श्रद्धालुओं ने अपने निजी वाहनों के द्वारा सरस्वती सरोवर की ओर आना शुरू कर दिया था। सरस्वती तीर्थ के चारों ओर वाहनों की कतारें लग गई सुबह 4:00 बजे से पहले ही श्रद्धालु मां सरस्वती के तट पर पहुंचने शुरू हो गए। श्रद्धालुओं ने जल भरे कुंड में स्नान किया तथा पिंडदान शुरू कर दिया। लगभग 30 हजार से भी अधिक श्रद्धालु सरस्वती सरोवर पर पहुंचे हैं।

श्रद्धालुओं का लगातार आना अभी भी जारी है। श्रद्धालु जहां अपने मृतक पूर्वजों के प्रति पिंडदान कर रहे हैं, वहीं उनकी प्यास बुझाने के लिए पीपल में जल भी डाल रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में होने के कारण कुछ मृतकों की शव न मिलने वालों के परिजन तीर्थ किनारे ही आटे के शव बनाकर संस्कार भी कर रहे हैं।

कुल मिलाकर जहां प्रशासन की ओर से पिहोवा का चैत्र मेला 27 मार्च से विधिवत रूप से शुरू होगा। वहीं, आज पाप मोचनी एकादशी पर 30000 से भी अधिक श्रद्धालु तीर्थ में स्नान व पिंडदान के लिए आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पहले चैत्र का मेला 5 दिन का ही होता था, परंतु प्रशासन ने इसे 3 दिन का कर दिया।

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