मध्यस्थता करने पहुंचे सरपंचों व गोकुल सेतिया में ठनी
- सरपंच बोले- सीईओ सही काम कर रहे - विधायक बोले- ये सरपंच दूसरे हलकों के
विधायक गोकुल सेतिया व जिला परिषद के सीईओ डॉ. सुभाष चंद्र के बीच चल रहा विवाद जातिगत मुद्दा बन चुका है। मामले में जिले की सरपंच एसोसिएशन दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करवाने आई। कुम्हार समाज से जुड़े सरपंचों ने विधायक के रवैये को गलत बताया। जिसके पश्चात विधायक ने सरपंचों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि अधिकतर सरपंच जिले के दूसरे गांवों के हैं और जो लोग सीईओ के समर्थन में आए हैं, वे उनकी जाति का होने के कारण उनको सही बता रहे हैं, जबकि सिरसा के गांवों में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। सरपंच एसोसिएशन ने बृहस्पतिवार को कुम्हार धर्मशाला में बैठक की, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। वहीं दूसरी तरफ जिला कुम्हार सभा ने भी विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सभा के जिला प्रधान कुंभाराम ने कहा कि गोकुल सेतिया द्वारा कुम्हार समाज को इस प्रकरण में शामिल करना गलत है। एक जनप्रतिनिधि होने के नाते विधायक को इस प्रकार की बातें शोभा नहीं देती। अगर सेतिया द्वारा कुम्हार समाज को इस मामले में घसीटा गया तो समाज चुप नहीं बैठेगा और विधायक के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम करेगा।
अखिल भारतीय प्रजापति महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. रामचंद्र लिंबा ने बताया कि डीसी के छुट्टी पर होने के कारण सीईओ की डबवाली में होने वाले कार्यक्रम में ड्यूटी लगी हुई थी। विधायक ने सफाई बाबत उन्हें फोन किया, लेकिन वो फोन कार्यालय समय में नहीं किया गया, लेकिन इसके बाद भी सीईओ ने उनके मैसेज का रिप्लाई देते हुए संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगाई, लेकिन इतना सब करने के बावजूद विधायक सेतिया ने उनकी गाड़ी का पीछा किया, जोकि समझ से परे है। विधायक द्वारा पैसे खाने का बार-बार सीईओ पर आरोप लगाया जा रहा है। अगर इसमें सच्चाई है या सीईओ ने कुछ गलत किया है तो उसकी विजिलेंस से जांच करवाएं। वहीं सरपंच एसोसिएशन के प्रधान जसकरण कंग, सरपंच नाथूसरी रीटा कासनिया, अमर सिंह छापोला, जसवंत घोड़ेला ने कहा कि विधायक का काम नहीं है सफाई करवाना, ये सरपंचों का काम है। विधायक गोकुल सेतिया कई सरपंचों के खिलाफ भी आरटीआई लगा रहा है, जिन्होंने उसे वोट नहीं डलवाए। वहीं इस मामले में विधायक गोकुल सेतिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव आकर कहा कि उनके क्षेत्र के गांवों के हालात दयनीय है। वे जिला परिषद सीईओ का हाथ पकड़ कर उन गांवों में लेकर जाएंगे और उनसे सफाई न होने के संबंध में कारण पूछेंगे।