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मंडियों में पहुंची हजारों क्विंटल धान का खरीदार नहीं

शहर की मंडी में सड़कों-फड़ों पर सुखाई जा रही फसल, शेडो में लगे बोरियों के चट्ठे
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अम्बाला शहर की अनाज मंडी में सड़क पर सुखाया जा रहा धान। -हप्र
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जिले की मंडियों में हजारों क्विंटल धान की आवक हो चुकी है, लेकिन कोई खरीददार नहीं होने के कारण इसे फड़ों पर फैलाकर सुखाया जाया जा रहा है ताकि बोरियों में भरकर ‘कच्ची भर्ती’ की जा सके। सरकारी खरीद प्रारंभ होने के बाद ही इस धान का लेखा-जोखा हो पक्का हो पाएगा। जानकारी के अनुसार क्षेत्र की सबसे बडी अम्बाला शहर की मंडी में सोमवार शाम तक तक करीब 7 हजार क्विंटल, छावनी में करीब 1100 क्विंटल, बराड़ा में करीब 2600 क्विंटल व मुलाना मंडी में 2400 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। आवक धीरे-धीरे बढ़ने के आसार हैं। अभी से आवक को संभालना बड़ी चुनौती है, क्योंकि बाद में तो लिफ्टिंग व्यवस्था दम तोड़ती रही है। दरअसल, ग्रेड-ए का सारा धान सरकार खरीदती है और उसे मिलिंग के लिए मिलरों को देती है। अभी तक रवायत के अनुसार सरकारी खरीद से पूर्व का सारा धान सरकारी खरीद प्रारंभ होने के बाद समायोजित कर लिया जाता रहा है, लेकिन पिछले सीजनों में राइस मिलर्स ने ही इस प्रथा का विरोध करके सरकारी खरीद से पहले उठने वाले धान को प्राइवेट मानकर मार्केट फीस जमा करवाने की वकालत की थी। अम्बाला में फिलहाल कच्ची पर्ची वाले धान को मंडी परिसर में ही भंडार किया जा रहा है। मिलिंग के लिए अभी मिलरों के पंजीकरण के लिए पोर्टल नहीं खुला है। राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रधान संजीव गर्ग ने बताया कि यह पोर्टल सरकारी खरीद तय होने के बाद ही खुलता है और रजिस्ट्रेशन पूरा होने तक खुला रहता है।

समय से पहले शुरू हो सकती है सरकारी खरीद

किसान यूनियनों की मांग के बावजूद धान की सरकारी खरीद फिलहाल प्रारंभ नहीं हुई। किसानों का कहना है कि हाईब्रिड बीज आने और खेती के बदलते तरीकों के कारण अब फल जल्दी तैयार हो जाती है। इसलिए सरकारी खरीद भी जल्द शुरू होनी चाहिए ताकि उनका समय बच सके और चिंता समाप्त हो सके। इसी बीच सूत्रों ने बताया कि सरकारी खरीद 25 सितंबर के आसपास प्रारंभ हो सकती है।

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कैथल में धान के कम दाम मिलने से किसानों में गुस्सा

कैथल (हप्र) :

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने अनाज मंडी का दौरा किया। किसान नेता सतपाल दिल्लोंवाली ने कहा कि यहां किसानों को बाकी हरियाणा की मंडियों से कम भाव मिल रहा है, जोकि 200 से 300 रुपये क्विंटल कम है। इस वर्ष उत्पादन भी आधा रह गया है। अब की वर्ष धान का खर्च भी पूरा नहीं हो रहा, जिसके कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। किसान का खर्व भी पूरा नहीं हो रहा। गेहूं की बिजाई के लिए भी किसान के पास पैसा नहीं बचा है। प्रशासन से अपील है कि खरीदारों से बातचीत करके किसानों को उचित भाव दिलवाया जाए। उन्होंने कहा कि सप्ताह के अंदर धान का सीजन पूरे जोरों पर होगा। किसानों को धान डालने के लिए जगह नहीं मिलेगी। प्रशासन से अपील है कि मंडी की सफाई कराई जाए और चारों तरफ सड़कें जल्दी बनवाई जाएं ताकि किसान को कोई परेशानी न आए। मौके पर किसान नेता ज्ञानचंद, सुरेंद्र व राजपाल मौजूद रहे।

शहर अनाज मंडी में अभी तक करीब 7 हजार क्विंटल धान की आवक हुई है। फिलहाल इसको सुखाकर बोरियों में कच्ची भर्ती करके भंडार किया जा रहा है। फिलहाल सरकारी खरीद पहले प्रारंभ होने संबंधी कोई आदेश नहीं है। धान सीजन के लिए मार्केट कमेटी पूरी तरह से तैयार है।

-दलेल सिंह, सचिव मार्केट कमेटी अम्बाला शहर।

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