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बेटियों को बेटों से कम आंकने वाली सोच बदलने की जरूरत : राजबाला मोर

सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत गांव समाना बाहू में कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजबाला मोर द्वारा की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण...
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नीलोखेड़ी के गांव समाना बाहू में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने वाली प्रतिभागी मुख्य अतिथि व अन्य के साथ। -निस
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सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत गांव समाना बाहू में कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजबाला मोर द्वारा की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं ने शिरकत की। डॉ. राजबाला मोर ने कहा कि बच्चियों ही हमारे भविष्य का निर्माण करती हैं। यदि समय रहते समाज के साथ माता पिता जगारूक नहीं हुए तो यह भी सम्भव हो सकता है कि यदि हम बेटी को ही नहीं बचाएंगे तो बहू कहां से लाएंगे। वास्तव में बेटियां ही परिवार के साथ श्रेष्ठ समाज की स्थापना में अहम कड़ी होती हैं। इसलिए समाज की बेटियों को बेटों से कम आंकने वाली सोच को बदलने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करें।

वरित्रा फाउंडेशन की कनिका, सिमरन, रेणुका, राखी, तमन्ना, रितिका, अाकांक्षा, मीनाक्षी व अर्चना आदि ने मनमोहक व शिक्षाप्रद प्रस्तुतियों द्वारा समां बांध दिया। बेटा और बेटी को एक समान होने को लेकर सशक्त लघु नाटिकाओं द्वारा सभी को मन्त्र मुग्ध कर दिया। इस उपलक्ष्य पर बेटियों के जन्मोत्सव मनाने के लिए जागरूकता के लिए कुआं पूजन और एक पेड़ मां के नाम द्वारा लोगों को बेटियों को जन्म देने हेतु शपथ दिलवाई गई।

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सुपरवाइजर्स कीर्ति, सुदेश, रितू, नेहा व पूनम ने बताया कि कार्यक्रम में करीबन 150 गांवों के लोग शामिल हुए।

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