युवा पीढ़ी को आपातकाल की सच्चाई पता होनी चाहिए : विधायक कपूर वाल्मीकि
भिवानी में विधायक कपूर वाल्मीकि ने कहा कि आपातकाल के दौरान देशवासियों ने अनेक तरह की यातनाएं और अत्याचार झेला। आपातकाल की हकीकत के बारे में नागरिकों को अंधकार में रखा गया है। विशेष कर युवा पीढ़ी को आपातकाल के दौर की सच्चाई के बारे में पता होना जरूरी है।
राजकीय कन्या महाविद्यालय में पहुंचे थे विधायक कपूर वाल्मीकि
विधायक कपूर वाल्मीकि शनिवार को सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा बवानीखेड़ा में स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय में संविधान हत्या दिवस के बारे में जन जागरूकता को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए अपना संदेश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करवाने में लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाई। देश संवैधानिक व्यवस्था से चलता है, लेकिन तत्कालीन सरकार ने देश आपातकाल लगाया। आपातकाल लागू करना एक काला अध्याय रहा है, जिसे देश की जनता कभी नहीं भूल सकती।
आपातकाल की घटनाओं को जीवंत करती प्रदर्शनी लगाई
इस दौरान असंख्य लोगों को जेलों में डाला गया। तत्कालीन सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाकर देशभक्तों की आवाज को बंद किया गया। इतना ही नहीं लोकतंत्र के चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया का भी एक तरह से गला घोंटा गया। उन्होंने कहा कि लोगों को आपातकाल की सच्चाई का पता नहीं है। यह प्रदर्शनी लोगों को आपातकाल के बारे में जागरूक करने का काम करेगी। सरकार की यह बहुत ही अच्छी पहल है। इस प्रदर्शनी में आपातकाल की विभिन्न घटनाओं को दिखाया गया है। युवाओं के साथ-साथ आमजन को यह प्रदर्शनी जरूर देखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत ही दूरदर्शी व्यक्तित्व के धनी हैं। प्रधानमंत्री की सोच है कि देश के हर युवा और आमजन को 25 जून 1975 को आपातकाल के दौर की जानकारी हो।
विधायक कपूर वाल्मीकि ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन
इस दौरान जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र सिंगल ने विधायक वाल्मीकि को बताया कि इस प्रदर्शनी में सत्याग्रहियों के संघर्ष, प्रेस पर सेंसरशिप, नागरिक अधिकारों का हनन, संवैधानिक ढांचे पर हमला, सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं को जेलों में बंद करना आदि घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विशेषकर युवा वर्ग को आपतकाल के दौर की सच्चाई से अवगत कराना है।
आपातकाल के दौरान वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय एक युवा कार्यकर्ता थे, जिन्होंने इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, इस बारे में भी प्रदर्शनी में जानकारी दी गई है।
ग्रामीणों ने विधायक कपूर वाल्मीकि को सौंपा ज्ञापन