Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

दिल्ली पैरलल नहर के बीच सड़क पर क्रैश बैरियर लगाने का काम नवंबर तक होगा पूरा

सर्दियों में कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं में मिलेगी राहत

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पानीपत में सिवाह-डाहर बाइपास से दिल्ली की ओर बनी सड़क पर लगाए जा रहे क्रैश बैरियर। -हप्र
Advertisement

दिल्ली पैरलल नहर के बीच बनी सड़क पर पीडब्ल्यूडी द्वारा क्रैश बैरियर लगाने का काम तेज गति से चल रहा है। सिवाह-डाहर बाइपास से लेकर समालखा के गांव ढींढार तक 13.6 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर 6.20 करोड़ रुपये से क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं। काम नवंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। यह सड़क पानीपत शहर को बुडशाम, नारायणा, मनाना, ढींढार, चुलकाना, समालखा व सोनीपत के कई गांवों से जोड़ती है। यह दिल्ली तक जाने वाले वाहन चालकों के लिए एक सुगम और कम भीड़भाड़ वाला मार्ग बन चुकी है। प्रतिदिन हजारों वाहन इस रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन अब तक क्रैश बैरियर न होने के कारण कई वाहन नहरों में गिर चुके हैं, जिससे कई लोगों की जान जा चुकी है। सर्दियों के मौसम में कोहरे के चलते इस मार्ग पर हादसों की संख्या बढ़ जाती थी। डीसी डॉ. विरेंद्र दहिया ने सड़क सुरक्षा की बैठक में इस मार्ग पर क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन सवित पान्नू ने योजना का एस्टीमेट तैयार कर सरकार को भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई। अब सिवाह-डाहर बाइपास से ढींढार तक सड़क के दोनों ओर क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं। दिल्ली की ओर बाईं तरफ अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है, जबकि दाईं ओर लगभग 4 किलोमीटर हिस्से पर बैरियर लगाए जा चुके हैं। पीडब्ल्यूडी एक्सईएन सवित पान्नू ने बताया कि 13.6 किमी. में से एक ओर लगभग 13 किमी. और दूसरी ओर करीब 4 किमी. पर क्रैश बैरियर लगाए जा चुके हैं। नवंबर माह के अंत तक पूरा कार्य समाप्त हो जाएगा। इससे सड़क पर होने वाले हादसों में बड़ी कमी आएगी।

विधायक, डीसी और एक्सईएन का रहा अहम योगदान

Advertisement

इस परियोजना को आगे बढ़ाने में समालखा विधायक मनमोहन भड़ाना, डीसी डॉ. विरेंद्र दहिया और पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन सवित पान्नू का महत्वपूर्ण योगदान रहा। क्रैश बैरियर का एस्टीमेट तैयार करने और उसकी स्वीकृति के दौरान आई कई अड़चनों को इनके प्रयासों से दूर किया गया।

Advertisement

Advertisement
×