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उतरने लगा मारकंडा नदी का पानी

शाहाबाद मारकंडा, 1 जुलाई (निस) पिछले दो दिनों से शाहाबाद की मारकंडा नदी में पहाड़ों पर हुई वर्षा का पानी खंड के दर्जनों गांवों में फसलों को जलमग्न कर अब उतरने लगा है। मारकंडा नदी का जलस्तर 23 हजार क्यूसिक...
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शाहाबाद मारकंडा, 1 जुलाई (निस)

पिछले दो दिनों से शाहाबाद की मारकंडा नदी में पहाड़ों पर हुई वर्षा का पानी खंड के दर्जनों गांवों में फसलों को जलमग्न कर अब उतरने लगा है। मारकंडा नदी का जलस्तर 23 हजार क्यूसिक तक पहुंच गया था, जो मंगलवार को 4 बजे तक घटकर मात्र 9 हजार क्यूसिक रह गया है।

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फिलहाल पहाडों पर वर्षा न होने से राहत मिली है, लेकिन यदि पहाड़ों पर वर्षा होती है तो पानी दोबारा आ सकता है। अब भी मुलाना में 15 हजार क्यूसिक तथा कालाअंब में 2200 क्यूसिक पानी बह रहा है।

गांव कठवा के पूर्व सरपंच अमरेंद्र सिंह ने बताया कि गांव तंगौर, कठवा, मुगलमाजरा व कलसाना में गांव के चारों ओर पानी ही पानी है। उन्होंने बताया कि इन गांवों में धान की पनीरी को व सूरजमुखी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इन गांवों की सुध नहीं लेता और न ही इस समस्या से मुक्ति पाने का कोई रास्ता ढूंढ़ता है।

गेज रीडर रविंद्र ने बताया कि वेगना नदी का पानी मारकंडा नदी में न जाकर पुलिया से निकलकर शाहाबाद मारकंडा नदी में पहुंचता है। उन्होंने बताया कि हेमामाजरा का पानी सड़क पर आ जाता है और मार करता हुआ शाहाबाद के गांवों में पहुंचता है।

किसान नेता जसबीर सिंह मामूमाजरा ने बताया कि मारकंडा नदी के पानी ने गांव मद्दीपुर, बोरीपुर, नगला, कलसानी, मदूदां, रायपुर, सुलखनी, रायमाजरा, नलवी, मंधेड़ी, मामूमाजरा में मार की है और लगभग 1200 एकड़ में लगी जीरी की पनीरी खत्म हो गई है।

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