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मारकंडा नदी का जलस्तर घटा, गांवों से भी पानी उतरना शुरू

तंगौर व कठवा में अभी हालात चिंताजनक, सरपंच बोले- हर साल झेलते हैं परेशानी
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शाहाबाद के गांव तंगौर में पानी में डूबी फसलें।  -निस
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मारकंडा नदी का नदी का जलस्तर घटने लगा है। ऐसे में आस-पास के गांवों से भी पानी उतरने लगा है। पहाड़ों में बरसात रुककने से अब मारकंडा नदी में मात्र 6 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है, जो तेजी से आगे की ओर निकल रहा है, लेकिन गांव तंगौर व कठवा के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। यहां के सरपंचों का कहना है कि इन गांवों के लोगों को 3 माह मारकंडा नदी में आए पानी की चपेट में रहना पड़ता है। गांव तंगौर से झांसा व नलवी जाने वाली सड़कें पानी चलने के कारण पूरी तरह से आवाजाही बंद है। तंगौर के सरपंच सचिन राणा ने बताया कि यहां स्थिति चिंताजनक है, रास्ते बंद पड़े हैं। मारकंडा नदी का सारा पानी तंगौर में पहुंचकर एकत्रित हो जाता है। सरकारी स्कूल में पानी भरा है जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कठवा की सरपंच सुखविंद्र कौर ने बताया कि पानी उतरना शुरू हो गया है, फसलें पूर्णतया खराब हो गई हैं, सड़कें टूट गई हैं। यहां शाहाबाद से जुड़ने वाली मुख्य सड़क पर 4 से 5 फुट पानी बह रहा है। तंगौर गांव में तो अब खेत ही नहीं, कई घर भी जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार यहां लगभग 70 प्रतिशत फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। सुखविंद्र कौर ने कहा कि जल्द स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए। मुगलमाजरा के सरपंच लाडी शर्मा ने कहा कि मारकंडा साइड फसलों का 60 प्रतिशत नुकसान है। इसी प्रकार गांव कलसाना में भी मारकंडा साइड व पावर हाउस के नजदीक पानी उतरना शुरू हो गया लेकिन फसलों का काफी नुकसान है।वहीं डेरा बाजीगर, पट्टी झांमड़ा तथा गोशाला से पानी उतर गया है लेकिन पानी में आया कीचड़ यहां जमा है।

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