मुआवजा वितरण में धांधली की खुली पोल, रिकवरी के आदेश
गांव राजली में नष्ट फसलों के मुआवजा वितरण में फर्जीवाड़ा सामने आया। सैकड़ों पात्र किसानों को मुआवजे से वंचित कर दिया। जिनकी फसलें जलभराव के कारण नष्ट हो गई थी लेकिन 28 ऐसे किसानों को उनके खातों में मुआवजा राशि जारी कर दी गई, जिनकी फसलें नष्ट ही नहीं हुई थी। अब जब पोल खुली तो तहसील प्रशासन हरकत में आया और संबंधित तत्कालीन पटवारी को दो दिन के भीतर 28 किसानों से मुआवजा राशि की रिकवरी के आदेश दे डाले। साथ ही यह भी चेतावनी दे दी गई कि अगर दो दिन में यह राशि रिकवर नहीं की गई तो पटवारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
तहसीलदार रविंद्र शर्मा ने कहा कि पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिनकी पेमेंट बनती ही नहीं थी, पटवारी ने उन लोगों के खातों में पेमेंट डाल दी। अब उसे रिकवरी के आदेश दिए हैं। दरअसल राजली गांव में जल्रभराव के कारण वर्ष 2022 में कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी। आरोप है कि 6 महीने पहले तत्कालीन पटवारी ने नंबरदार के साथ मिलीभगत करके गांव के 28 किसानों के खातों में 7.35 लाख की राशि डाल दी। परंतु अन्य वास्तविक किसानों को मुआवजे से वंचित कर दिया। अब दो सप्ताह पूर्व किसानों ने इस बारे में बरवाला में उपमंडल अधिकारी नागरिक को शिकायत की और आरोप लगाया कि पटवारी ने मिलीभगत करके उन्हें तो मुआवजे से वंचित कर दिया और जिनका नुकसान भी नहीं हुआ उनको मुआवजा राशि वितरित कर दी गई। इस शिकायत के बाद जांच की गई तो पटवारी के कारनामे की पोल खुल गई और प्रशासन ने कार्रवाई के आदेश दिए।