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कौशल निगम कर्मियों को पक्का करने का वायदा बना जुमला

कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह का आरोप
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कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के तहत कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य के साथ न केवल छल किया जा रहा है। चुनाव से पहले इन कर्मचारियों को 5 वर्षों की सेवा के उपरांत स्थायी करने का जो वादा किया गया था, वह अब सरकार की जुमलेबाजी बन कर रह गया है।

निर्मल सिंह ने कहा कि सरकार ने बाकायदा अधिसूचना जारी की थी लेकिन जमीनी हकीकत इसके सर्वथा विपरीत है। कई जिलों में एचकेआरएन कर्मचारियों को पिछले 3 से 5 महीने से वेतन तक नहीं मिला है। निर्मल सिंह ने चेताया कि अगर सरकार इन्हें समय पर वेतन नहीं देती तो इसका प्रत्यक्ष प्रभाव प्रदेश की सरकारी सेवाओं पर भी पड़ेगा, जिसका खामियाजा अंतत: जनता को भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने पहले डीसी रेट और ठेका प्रणाली पर रखे गए कर्मचारियों को एचकेआरएन में मर्ज कर उनकी नियमितीकरण की संभावना ही समाप्त कर दी और अब उन्हें नियमित कर्मचारियों से भी एक चौथाई या आधा वेतन देकर न केवल शोषण कर रही है बल्कि उनके आत्मसम्मान पर भी कुठाराघात कर रही है। उनके अनुसार अनेक कर्मचारी ऐसे हैं जो अब ओवरएज हो चुके हैं और अन्य किसी सरकारी नौकरी के लिए पात्र भी नहीं रहे, इसलिए सरकार का यह व्यवहार अमानवीय ही नहीं, अपितु सामाजिक अपराध जैसा है। उन्होंने मांग है कि हरियाणा कौशल विकास निगम के माध्यम से रोका गया वेतन अविलंब जारी किया जाए और 5 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए। निर्मल सिंह ने यह भी चेताया कि यदि प्रदेश सरकार ने अब भी कर्मचारियों की पीड़ा पर ध्यान नहीं दियाए तो वे इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़कों

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पर उठाएंगे।

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