मुख्य स्नान कार्तिक पूर्णिमा पर पांच नवंबर को
कपाल मोचन मेले में 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना
कपालमोचन मेले में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच भी चुके हैं। मेला हालांकि 1 नवंबर से शुरू होगा और 5 नवंबर तक चलेगा। कार्तिक पूर्णिमा पर मुख्य स्नान होगा, जिसमें 10 लाख से अधिक लोगों के भाग लेने की संभावना है। हर साल देश के विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु मेले में भाग लेने आते हैं और कपाल मोचन, ऋण मोचन व सूरजकुंड सरोवरों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था और सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन हर संभव व्यवस्था कर रहा है। सूचना, जनसंपर्क, संस्कृति व भाषा विभाग हरियाणा द्वारा मेले में प्रदर्शनी और सांस्कृतिक मंच का आयोजन किया जाएगा, जहां राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों की झलक दिखाई जाएगी।
मेला प्रशासक एवं उपमंडल अधिकारी जसपाल सिंह गिल ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी सरोवरों के चारों ओर चार-चार फीट ऊंची फाइबर शीट लगाई गई है। बिजली विभाग द्वारा मेला क्षेत्र में नए ट्रांसफार्मर लगाए जा चुके हैं तथा सड़कों की मरम्मत व सफाई का कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा गुमशुदा तलाश केंद्र एवं मीडिया सेंटर की स्थापना ऋण मोचन सरोवर के निकट की जाती है। इन केंद्रों से गुमशुदा व्यक्तियों, उनके सामान, दुकानदारों द्वारा सही तोल और अन्य आवश्यक सूचनाओं का लगातार उद्घोष किया जाएगा। मेला क्षेत्र को 4 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। हर सेक्टर में सुपरवाइजर नियुक्त किया गया है। मेला क्षेत्र के बीचों-बीच सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा एक सांस्कृतिक मंच स्थापित किया जायेगा, जहां प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन एवं गीत प्रस्तुत किए जाएंगे।
पुलिस ने किये सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध
एहडवाला राजकीय कॉलेज में अस्थायी पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया। बुधवार को मेला प्रशासक जसपाल सिंह गिल ने स्वयं निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश भी दिए। मेला क्षेत्र में 11 स्थानों पर पार्किंग व्यवस्था की जाएगी। पार्किंग के लिए विशेष पास जारी किए गए हैं, जिन पर हॉलमार्क चिन्ह लगाया गया है ताकि किसी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो और सुरक्षा बनी रहे। मेला में ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मचारियों को विभागीय पास रखना जरूरी होगा ताकि श्रद्धालु आसानी से पहचान कर सहायता ले सकें।

