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संस्थान ने देश की 22.2 लाख हेक्टेयर सोडिक भूमि को सुधारा

करनाल, 7 अप्रैल (हप्र)केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई) द्वारा सोमवार को कर्नाटक सरकार के वाटरशेड विकास अधिकारियों के लिए 7 से 12 अप्रैल तक 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का विषय ‘समस्या युक्त...
करनाल में प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ पर मौजूद वैज्ञानिकगण। -हप्र
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करनाल, 7 अप्रैल (हप्र)केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई) द्वारा सोमवार को कर्नाटक सरकार के वाटरशेड विकास अधिकारियों के लिए 7 से 12 अप्रैल तक 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का विषय ‘समस्या युक्त मृदाओं का सुधार एवं प्रबंधन’ है, जिसका उद्देश्य मृदा क्षरण से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए तकनीकी क्षमताओं को सुदृढ़ करना है।

कार्यक्रम में कर्नाटक के 8 जिलों बेंगलुरु, बेलगावी, बागलकोट, चित्रदुर्ग, धारवाड़, कोप्पल, विजयपुरा एवं मैसूरु से वाटरशेड विकास विभाग के कुल 30 अधिकारी भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान विविध विषयों को सम्मिलित किया जाएगा। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सीएसएसआरआई के निदेशक डॉ. राजेन्द्र कुमार यादव ने की।

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इस दौरान उन्होंने संस्थान के तीन प्रमुख नवाचारों को विशेष रूप से रेखांकित किया जो टिकाऊ कृषि के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुए हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. सुरेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ संकाय सदस्य एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. राज कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. कैलाश प्रजापत, प्रशिक्षण सह-समन्वयक एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ. आर.के. फगोडिया की उपस्थिति रही।

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