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रत्नावली महाकुंभ में उभरा विकसित भारत का स्वरूप

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय हरियाणा दिवस समारोह रत्नावली महाकुंभ का समापन शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ हुआ। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि रत्नावली केवल लोक संस्कृति का उत्सव नहीं, बल्कि विकसित भारत अभियान को...

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कुरुक्षेत्र में आयोजित रत्नावली कार्यक्रम में नृत्य की प्रस्तुति देते कलाकार। -हप्र
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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय हरियाणा दिवस समारोह रत्नावली महाकुंभ का समापन शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ हुआ। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि रत्नावली केवल लोक संस्कृति का उत्सव नहीं, बल्कि विकसित भारत अभियान को मजबूत करने का माध्यम भी है। इस बार मेक इन इंडिया, नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। यूआईईटी संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित इलेक्ट्रिक व्हीकल आकर्षण का केंद्र रहा।

समारोह में विद्यार्थियों ने कला, सृजनशीलता और स्वदेशी तकनीक का शानदार प्रदर्शन किया। कुलपति ने कहा कि छात्रों में अपार कौशल है, केवल उसे सही दिशा देने की जरूरत है। कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. राज नेहरू ने कहा कि रत्नावली जैसे आयोजन विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी भारत के सपने को साकार करने की दिशा में प्रेरित करते हैं।

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स्वदेशी जागरण मंच के सह-संगठक व आर्थिक विशेषज्ञ सतीश कुमार ने कहा कि आज स्वदेशी और स्वावलंबन का डंका विश्वभर में बज रहा है। जब हर भारतीय स्वदेशी उत्पादों को अपनाएगा, तभी भारत सच्चे अर्थों में विकसित राष्ट्र बनेगा।

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महोत्सव में ललित कला विभाग के विद्यार्थियों ने आकर्षक सजावटी वस्तुएं प्रदर्शित कीं, वहीं यूथ रेड क्रॉस द्वारा प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था की गई। समापन दिवस पर आयोजित हरियाणवी ग्रुप डांस प्रतियोगिता में 11 टीमों ने भाग लिया। हरि का प्यारा हरियाणा, जय-जय मेरा हरियाणा जैसे लोकगीतों पर दर्शक भी थिरक उठे।

करीब 3500 कलाकारों ने छह मंचों पर 34 विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। रत्नावली महोत्सव ने हरियाणा की लोक संस्कृति, नवाचार और विकसित भारत की झलक एक साथ प्रस्तुत कर सबके दिलों पर अमिट छाप छोड़ी।

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