संवेदनशील, सहृदय समाज में नहीं पनपेगा खुदकुशी का विचार
गांव मटक माजरी स्थित शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर ‘आत्महत्या पर दृष्टिकोण बदलना’ विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. महेन्द्र सिंह बागी के संबोधन से हुई। उन्होंने युवाओं में प्रबंधन कौशल और भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संतुलित भावनात्मक नियंत्रण और चुनौतियों का प्रभावी प्रबंधन व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों से उबरने में सहायक होता है।
उप-प्राचार्य प्रो. सुरेन्द्र सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि स्वस्थ संवाद तथा मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ खुली बातचीत आत्महत्या जैसे विचारों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यह अकेलेपन की भावना को कम करने में सहायक होती है। अन्य वक्ताओं ने ध्यान, सकारात्मक आत्मसंवाद, आत्मपहचान, समय पर प्रतिक्रिया तथा आवश्यकतानुसार परामर्शदाता या विशेषज्ञ से संपर्क की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. कुलदीप द्वारा किया गया तथा अंत में आभार प्रदर्शन प्रो. सोनिया ने किया। कार्यक्रम का समापन सभी की इस सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ कि समाज को और अधिक संवेदनशील, सहृदय एवं सहायक बनाने में सभी सक्रिय योगदान देंगे। इस अवसर पर डॉ. रणवीर सिंह, डॉ. रमेश कुमार व प्रो. रीना सहित स्टाफ के अन्य सदस्य मौजूद रहे।