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आत्म मंथन के संदेश के साथ निरंकारी संत समागम का भव्य समापन

मध्यम मार्ग अपनाते हुए संतुलित जीवन जियें : माता सुदीक्षा
समालखा में सोमवार को समागम स्थल पर माता सुदीक्षा। -निस
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रुहानियत की अविरल धारा 78वां निरंकारी संत समागम का आत्म मंथन के संदेश के साथ सोमवार को समापन हुआ। मंगलवार को गुरु वंदना होगी जबकि 6 नवंबर को सत्गुरू माता के पावन सान्निध्य मे सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन होगा जिसमें देश व विदेश से आए करीब 125 जोड़े विवाह बंधन मे बधेंगे।

समागम के अंतिम दिन भी दोपहर एक बजे से देर रात तक विभिन्न सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रम चलते रहे। हिन्दी,पंजाबी, तेलगू, तमिल, कन्नड़, राजस्थानी समेत अन्य भाषाओ में कलाकारो ने प्रस्तुति दी व कवि सम्मेलन में कवियों ने कविताओं के माध्यम से अपने भाव रखे।

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सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज ने समागम में उपस्थित विशाल जनसागर को अपने दिव्य प्रवचनों में कहा कि सांसारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए आध्यात्मिकता को जीवन में अपनाने से जीवन सहज, सुंदर एवं सफल बन जाता है। उन्होने कहा कि आत्ममंथन वास्तव मे स्वयं के सुधार का मार्ग है। जब मन निरंकार से जुड़ता है तो भीतर और बाहर का व्यवहार दोनों दिव्यता से भर जाते है।

इससे पूर्व निरंकारी राजपिता रमितजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित किया। उन्होने कहा कि यदि कोई सांसारिक प्रेम में डूब जाता है तो वह अपने प्रेमी को ईश्वर का दर्जा देता है और आनंदित रहता है, और अगर किसी के हृदय में सत्गुरु और परमात्मा के प्रति इलाही प्रेम हो तो वह भक्ति बनकर आनंदित हो उठता है, नाचने-गाने लगता है।

समागम में आधुनिक तकनीक एवं लाइट्स आदि का इस्तेमाल करते हुए अत्यंत आकर्षक बनाई गई निरंकारी प्रदर्शनी श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रही। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रदर्शनी में मुख्य प्रदर्शनी, बाल प्रदर्शनी एवं संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन की प्रदर्शनी-इस तरह तीन भाग बनाये गए हैं।

120 बेड का अस्थायी अस्पताल

मिशन के स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संत समागम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी व्यापक प्रबंध किया गया है। समागम परिसर में 8 एलोपैथिक तथा 6 होम्योपैथिक डिस्पेन्सरियों की सेवा निरंतर जारी रही। साथ ही 15 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र एवं 1 कारोप्रॅक्टिक शिविर का भी आयोजन किया गया। गंभीर रोगग्रस्त मरीजों के लिए 120 बेड का एक अस्थायी अस्पताल भी कार्यरत रहा। इसके अतिरिक्त मिशन द्वारा 12 एवं हरियाणा सरकार द्वारा 30 एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई।

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