बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का सर्वे करवाकर दरिया की खुदाई व रिंग बांध बनवाये सरकार : दीपेंद्र
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने शाहाबाद हलके के मदनपुर, मोहनपुर, मलिकपुर, गुमटी, कठवा, मुगल माजरा, कलसाना, तंगौर, झरौली, शांतिनगर, गोरखा, माजरी, ठोल, थढोली, ठसकाली, नलवी, मंदेड़ी, बसंतपुर, नगला, सुलखनी, गोलपुरा, मद्दीपुर, सैदपुर, हल्दहेड़ी और भोकर माजरा समेत दर्जनों बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने मारकंडा मंदिर में दर्शन किये। हुड्डा ने सरकार से मांग की कि शाहाबाद के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का विस्तृत सर्वे करवाकर बाबा मारकंडा दरिया की खुदाई और सफाई की जाए। साथ ही मारकंडा मंदिर से गुमटी तक रिंग बांध का निर्माण कराया जाए ताकि हर साल आने वाली बाढ़ से गांवों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि इसके लिए जमीन अधिग्रहण करनी पड़े तो किसानों को पूरा मुआवजा दिया जाए। बाढ़ से प्रभावित खेतों में आई रेत का मालिकाना हक जमींदारों को मिलना चाहिए और खुदाई में उनका 10 प्रतिशत हिस्सा भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान हजारों ट्यूबवेल खराब हो गए हैं। सरकार तुरंत उनका सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दे। खराब हुई फसलों की विशेष गिरदावरी हो और कम से कम 70 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। भाजपा सरकार द्वारा घोषित राशि किसानों के साथ भद्दा मजाक है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए नौगजा पीरबाबा से लेकर रायमाजरा व अन्य गांवों तक अंडरग्राउंड पाइपलाइन बिछाई जाए और शहरी क्षेत्र से गांवों को जोड़ने वाली सड़कों की तुरंत मरम्मत कराई जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण हरियाणा प्राकृतिक नहीं बल्कि प्रशासनिक आपदा से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री ने फ्लड कंट्रोल बोर्ड की बैठक तक नहीं की, न ही ड्रेन व नालों की सफाई कराई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि न केंद्र सरकार और न ही प्रदेश सरकार ने अब तक कोई राहत पैकेज घोषित किया है, जबकि अन्य राज्यों ने राहत घोषणाएं कर दीं। मकानों-दुकानों के नुकसान का कोई सर्वे नहीं हुआ और क्षतिपूर्ति पोर्टल भी बंद पड़ा है। उन्होंने मांग की कि घरों और दुकानों को भी सर्वे में शामिल किया जाए। मौके पर विधायक अशोक अरोड़ा, रामकरण काला, मनदीप चट्ठा, पूर्व विधायक मेवा सिंह व सुल्तान सिंह जड़ौला मौजूद रहे।