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लगातार 12 घंटे खुले रहे हथिनीकुंड बैराज के गेट

भूमि कटाव शुरू, दिल्ली में मंगलवार सुबह तक बढ़ेगा यमुना का जलस्तर
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यमुनानगर के बाढ़ प्रभावित इलाके में लोगों से बातचीत करते हुए डीसी पार्थ गुप्ता। -हप्र
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इस मानसून में पहली बार एक लाख 78996 क्यूसेक पानी आने के बाद रविवार को हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए थे। लगातार 12 घंटे एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी हथिनी कुंड बैराज से डिस्चार्ज होता रहा। जिससे यमुना उफान पर आ चुकी है। यमुना का पानी धीरे-धीरे दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है, जो मंगलवार सुबह तक दिल्ली में यमुना के साथ लगते इलाकों को प्रभावित कर सकता है। हरियाणा के यमुना के साथ लगते इलाकों में भी भूमि कटाव शुरू हो चुका है, जैसे-जैसे पानी दिल्ली की तरफ जा रहा है वैसे-वैसे भूमि कटाव बढ़ रहा है। इसी बीच डीसी पार्थ गुप्ता ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ जिले के गांव पंजेटो, ऊर्जनी, याकुबपुर, खेड़की, बरोली माजरा, खान्नुवाला, चिंतपुर, साढौरा पुल पर चल रहे बाढ़ राहत कार्यों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीसी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी बाढ़ राहत से बचाव के कार्य जल्द से जल्द पूर्ण कर ले। निरीक्षण के दौरान डीसी को ग्रामवासियों ने बताया कि गांवों के रास्तों व खेतों में बरसात के समय पानी भर जाता है। उन्होंने गांव खान्नुवाला-चिंतपुर के पुलों के नीचे सफाई के लिए गुहाल लगाई ताकि बरसात का पानी आसानी से निकल सके। डीसी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात के समय जिन गांवों में पानी भर जाता है, उन गांवों में पानी की निकासी का बरसात से पहले उचित प्रबंध करें और जिन गांवों में पानी की निकासी नहीं होती वहां पंप लगाकर पानी की निकासी करें। गांव उर्जनी के लोगों ने डीसी के आगे समस्या रखी कि उनके गांव में बरसात के दिनों में जो जलभराव होता है, उसका हल जो निर्माणाधीन हाई-वे के नीचे से पुलिया बनाकर पानी का बहाव किया जाए, ताकि गांव में पानी का भराव न हो। डीसी ने गांव खानुवाला में पुलिया का निरीक्षण किया और पुलिया की मरम्मत के निर्देश दिये। गांव खेड़की के लोगों को डीसी ने बताया कि मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए पत्थरों से तटबंध बनाया गया है। कई गांवों की कुछ गलियों में बरसात के पानी का जो भराव होता है वह कुछ समय के बाद निकल जाता है इससे हमें घबराना नहीं है। डीसी ने अधिकारियों को पानी निकासी के उपाय करने के निर्देश दिए।

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