भाजपा सरकार ने पूरे नहीं किये कर्मचारी-मजदूरों से किये वादे
सीटू का राज्यस्तरीय सम्मेलन में वक्ताओं का आरोप
सरकारी विभागों में कौशल निगम में कार्यरत हजारों कच्चे कर्मचारी और परियोजना कर्मियों को पक्का न करने, मनरेगा के तहत काम उपलब्ध न करवाने, कल्याण बोर्ड की सुविधाओं को सरकार के संरक्षण में संचालित भ्रष्ट तंत्र द्वारा रोके जाने के खिलाफ और प्रदेश में 30 हजार रुपए न्यूनतम वेतन घोषित करवाने प्रदेश का मजदूर कर्मचारी संयुक्त मोर्चा बनाकर आंदोलन करेगा। उक्त आह्वान करनाल के अंबेडकर भवन में चल रहे तीन दिवसीय सीटू राज्य स्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन संबोधित करते हुए कर्मचारी और मजदूर नेताओं ने कहे।
15वें राज्य स्तरीय सम्मेलन के दूसरे दिन प्रदेश भर से आए 250 प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सीटू की राष्ट्रीय सचिव ए आर सिंधु, प्रदेश महासचिव जयभगवान ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में प्रदेश की भाजपा सरकार के दमनकारी और तानाशाहीपूर्ण रवैये के खिलाफ मजदूरों के लंबे साहसिक आंदोलन हुए हैं। तीसरी बार सत्ता हासिल करने के बाद भाजपा ने मजदूरों को से किए गए वादों को पूरा करना तो दूर पहले से मिल रही सुविधाओं को ही छीनने का काम किया है।
30 हजार रुपये हो न्यूनतम वेतन
सम्मेलन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करते हुए कहा गया कि न्यूनतम वेतन को जल्द से जल्द रिवाइज करके 30 हजार रुपए प्रति मासिक न्यूनतम वेतन घोषित किया जाना चाहिए। सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव नरेश कुमार ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को कौशल निगम के माध्यम से नए तरह की गुलामी थोप दी गई है। सम्मेलन में मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड को रद्द कर करने और बाढ़ प्रभावित मजदूर किसानों के लिए संपूर्ण मुआवजा देने के प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।
सम्मेलन को जनवादी महिला समिति की प्रदेश महासचिव उषा सरोहा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष वजीर सिंह, नगर पालिका कर्मचारी संघ के मांगेराम तिगरा, टूरिज्म कर्मचारी संघ के कश्मीर सिंह, मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन हरियाणा के प्रांतीय महासचिव जरनैल सिंह, हिंसा के प्रांतीय नेता संदीप सांगवान ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
