सबसे बड़ा दान होता है रक्तदान : रघुबीर शांडिल्य
भिवानी, 17 अप्रैल (हप्र) : मुख्य चिकित्सा अधिकारी रघुबीर शांडिल्य ने रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि रक्त की हर एक बूंद जिंदगी देती है। स्थानीय वैश्य महाविद्यालय भिवानी की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई-2 के द्वारा विश्व हीमोफीलिया दिवस के अवसर पर एक दिवसीय रक्तदान शिविर व स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गोयल के नेतृत्व एवं महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई-2 की कार्यक्रम अधिकारी डॉ आशा नेहरा के संयोजन में डॉ. अंबेडकर भवन बैंक कॉलोनी भिवानी में स्वास्थ्य जांच शिविर का शुभारंभ हुआ।
चौधरी बंसीलाल सामान्य अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रघुबीर शांडिल्य रहे मुख्यअतिथि
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि चौधरी बंसीलाल सामान्य अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रघुबीर शांडिल्य, वैश्य महाविद्यालय भिवानी के प्राचार्य डॉ संजय गोयल, डीन एकेडमिक डॉ नरेंद्र चाहर, जांगडा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ सुभाष जांगडा, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आशा नेहरा ने स्वयंसेवी रक्तदाताओं को बेज लगाया। रक्तदान शिविर में 51 युवाओं ने रक्तदान के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। रक्तदान शिविर में 21 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ ।
इस दौरान अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ संजय गोयल ने कहा कि इस तरह के रक्तदान शिविर से जरुरत मंदो तक रक्त पहुंचता है जो कि सबसे पुनीत कार्य है।
मुख्य अतिथि चौधरी बंसीलाल सामान्य अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रघुबीर शांडिल्य ने कहा कि रक्त की एक बूंद असहाय को नया जीवन प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि रक्त का दान सबसे बड़ा दान होता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रघुबीर शांडिल्य के अलावा डॉ .जांगड़ा भी रहे मौजूद
जांगडा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ सुभाष जांगड़ा ने बैंक कालोनी के नागरिकों एवं स्वयंसेवकों के स्वास्थ्य की जांच करते हुए उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की सीख दी। डीन एकेडमिक डॉ नरेंद्र चाहर ने कहा कि आज युवा वर्ग ने रक्तदान कर बड़ा पुण्य का कार्य किया है। इस पहल के लिए हर युवा को आगे आना चाहिए तकि जरूरतमंद व्यक्ति को बचाया जा सके।
कार्यक्रम की संयोजक एनएसएस ईकाई 2 की अधिकारी डॉ.आशा नेहरा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद प्रकट किया व रक्तदान शिविर को सफल बनाने के लिए सभी स्टाफ सदस्यों एवं स्वयंसेवकों का धन्यवाद प्रकट किया।