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गलोरी बावा और जितेंद्र जीतू की लोक धुनों से महका तीज उत्सव-25

‘लट्ठे दी चादर, काला डोरिया और छल्ला’ जैसे पारंपरिक गीतों की गूंज और ढोल की थाप पर झूमते लोग… ऐसा नजारा मंडी किलियांवाली में आयोजित तीज उत्सव-25 में देखने को मिला। वरच्युस क्लब (इंडिया) व उत्तरी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (एनआरसीसी),...
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‘लट्ठे दी चादर, काला डोरिया और छल्ला’ जैसे पारंपरिक गीतों की गूंज और ढोल की थाप पर झूमते लोग… ऐसा नजारा मंडी किलियांवाली में आयोजित तीज उत्सव-25 में देखने को मिला। वरच्युस क्लब (इंडिया) व उत्तरी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (एनआरसीसी), पटियाला के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में लोकगायिका गलोरी बावा और गायक जितेंद्र जीतू की प्रस्तुतियों ने पंजाबी संस्कृति की खुशबू बिखेर दी।

दोनों कलाकारों ने अपनी सशक्त गायकी से दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में रंगकर्मी मनजीत औलख को वरच्युस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने तीज के सामाजिक महत्व पर बोलते हुए अपने चर्चित नाटकों के संवाद भी सुनाए, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। स्कूली छात्राओं ने पारंपरिक गिद्दा और लोकनृत्य प्रस्तुत कर समां बांधा। रंगोली प्रतियोगिता में अशोक सदन, मेहंदी में समीत और अदिति प्रथम रहीं।

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कार्यक्रम में डॉ. प्रेमकांता, डॉ. मानविंदर कौर गुलाटी, शशि प्रभा अग्रवाल, पुष्पा जिंदल और विजय लक्ष्मी को ‘विरासत-ए-सम्मान अवार्ड’ से नवाजा गया। डाॅ. बीर चंद गुप्ता ने मनजीत कौर औलख के सम्मान में सम्मान पत्र पढ़ा। मंच संचालन रंगकर्मी संजीव शाद ने किया। एनआरसीसी पटियाला के रविंद्र शर्मा ने तीज जैसे पर्वों को सांस्कृतिक विरासत की पहचान बताया। वरच्युस क्लब के केशव शर्मा ने लोककलाओं को मंच देने की प्रतिबद्धता जताई।

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