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आंगनवाड़ियों में सुरसुरी लगी सोयाबड़ी की सप्लाई

पोषण तंत्र की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल

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पिहोवा के आंगनवाड़ी केंद्र से वितरित सुरसुरी व कीट युक्त सोयाबड़ी। -निस
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आंगनवाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम की जमीनी हकीकत पुन: सवालों के घेरे में है। बच्चों के लिए भेजे गए पौष्टिक आहार में सुरसुरी व कीट पाए जाने से अभिभावकों में रोष फैल गया है। शहर में खटीक धर्मशाला के आंगनवाड़ी केंद्र से वितरित सोयाबड़ी को एक बच्चे की मां ने पकाने के लिए रविवार सुबह भिगोया तो उसमें सुरसुरी व कीट निकलने लगे। जिससे सरकारी पोषण तंत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं। अभिभावकों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं आंगनवाड़ी वर्कर-हेल्पर यूनियन (सीटू) जिलाध्यक्ष वीरो रानी ने कहा कि केंद्रों में साफ-सुथरा राशन और साप्ताहिक मेन्यू अनुसार सप्लाई सुनिश्चित की जाए। स्टॉक यार्डों में गुणवत्ता, मियाद व भंडारण नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।

बता दें कि खटीक धर्मशाला केंद्र में 12 सितंबर को 25 किलो मुरमुरे व 20 किलो सोयाबड़ी पहुंची थी, जिसकी मियाद 15 नवंबर थी। तीन-चार दिन पहले यही सोयाबड़ी बच्चों को पकाने के लिए बांटी गई। सूत्रों के अनुसार शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के कई आंगनवाड़ियों से भी कीटयुक्त सोयाबड़ी की शिकायतें मिली हैं। वर्करों ने वीडियो भेजकर अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कार्रवाई की बजाय स्टॉक को धूप लगाकर निपटाने के निर्देश दे दिए गए। सूत्र बताते हैं कि ‘जुगाड़ू’ पोषण कार्यक्रम के तहत मूंगफली जैसे अन्य स्टॉक भी सड़ी-गली में हालत भेजे जा रहे हैं। विवाद बढ़ने पर ठीकरा अक्सर स्टाफ पर ही फोड़ा जाता है। कुछ समय पहले अबूबशहर केंद्र में भी ऐसा स्टॉक आया था, जिसे स्टाफ ने वितरित नहीं किया, परंतु उसे लौटाने की बजाय धूप लगाकर खत्म करने को कहा गया। सिरसा जिला के स्टाक यार्ड माधो सिंघाना से ही आपूर्ति होती है। डबवाली ब्लॉक में 227 व शहर में 16 केंद्र हैं, जबकि पूरे राज्य में 25,962 केंद्र और 13.64 लाख लाभार्थी पंजीकृत हैं।

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केन्द्रों में सिर्फ खीर व चॉकलेट का स्टाक बचा

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मामला सिर्फ खराब सामान तक सीमित नहीं है। नियम अनुसार बच्चों को प्रतिदिन 100 ग्राम पौष्टिक आहार मिलना चाहिए, लेकिन पिछले ढाई-तीन महीने से मेन्यू के अनुसार आंगनवाड़ियों में राशन नहीं पहुंच रहा। केन्द्रों में केवल खीर व चॉकलेट का स्टाक है, जबकि चीनी, घी, गेहूं व चावल लगभग खत्म हैं। ज्यादातर केंद्र दलिया से काम चला रहे हैं। अब कच्चा राशन स्टॉक भी बेहद सीमित है। जिला प्रशासन व विभाग की कार्यप्रणाली अकर्मण्यता की राह पर दिखाई दे रही है।

मामले की जांच करेंगे : सुशीला

कार्यकारी सीडीपीओ सुशीला ने कहा कि ताजा मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। कुछ समय पहले सकताखेड़ा में मियाद पार सोयाबड़ी मिली थी, जिसे बदलवाया गया था। अब मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजी जाएगी।

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