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प्रगतिशील किसान रणजीत से विद्यार्थियों ने सीखे प्राकृतिक खेती के गुर

आर्य पीजी काॅलेज और गीता पीजी काॅलेज शेरा, मतलौडा के करीब 85 विद्यार्थियों की एक माह की प्राकृतिक खेती व फूड प्रोसेसिंग की इंटर्नशिप (प्रशिक्षण) का समापन रविवार को गांव चमराडा में प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह के फार्म पर हुआ।...
पानीपत के गांव चमराडा में विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट वितरीत करते हुए राहुल पान्नू व अन्य। -हप्र
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आर्य पीजी काॅलेज और गीता पीजी काॅलेज शेरा, मतलौडा के करीब 85 विद्यार्थियों की एक माह की प्राकृतिक खेती व फूड प्रोसेसिंग की इंटर्नशिप (प्रशिक्षण) का समापन रविवार को गांव चमराडा में प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह के फार्म पर हुआ। इंटर्नशिप के समापन पर विशिष्ट अतिथि करनाल आईसीएआर-सीएसएसआरआई के सीनियर टेक्निकल ऑफिसर डा. राहुल सिंह पान्नू, उनकी पत्नी डाॅ. सोनिया व आरोग्य भारती के पानीपत जिलाध्यक्ष डाॅ. सुनित बजाज ने शिरकत की और विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट वितरित किये। अतिथियों का आर्य कालेज के डा. बलकार, प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह व सुधीर भुक्कर ने कार्यक्रम में पहुंचने पर स्वागत किया। किसान रणजीत सिंह व उनके लडके सुधीर भुक्कर ने एक माह तक अपने फार्म पर सभी विद्यार्थियों को आर्गेनिक खेती और फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग दी। इस मौके पर रणजीत सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को बताया गया कि प्राकृतिक खेती आज के समय की जरूरत है और प्राकृतिक खेती के क्या फायदें है व किस तरह से प्राकृतिक खेती की जाती है। रसायनिक खेती से होने वाले नुकसान को लेकर विस्तार से बताया गया, इससे जमीन बंजर हो रही है, उत्पादन घट रहा है और खेती की लागत बढ रही है। रसायनिक खेती से मानव का स्वास्थ्य खराब हो रहा है और मिट्टी, पानी व पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। फूड प्रोसेसिंग में विभिन्न तरह के आचार, मुरब्बे, चटनी, जूस, जेम व जैली आदि के बारे में बताया गया और बनाने की भी जानकारी दी गई। औषधीय पौधों की पहचान, उनके फायदों को लेकर भी जानकारी दी गई। बता दे कि प्रगतिशील किसान रणजीत सिंह का गांव चमराडा में पुगथला रोड पर आर्गेनिक फार्म है और किसान द्वारा विभिन्न तरह के आचार, मुरब्बे, जैम, जूस व मसाले आदि बनाये जाते है।

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