फतेहाबाद में पराली जलाने के मामलों में आई तेजी, 73 लोकेशन चिन्हित
18 कर्मचारियों को सेक्शन-14 के तहत नोटिस जारी
प्रशासन की सख्ती और जागरूकता अभियान के बावजूद जिले में पराली जलाने के मामलों में अचानक तेजी आ गई है। परिणामस्वरूप दिवाली के बाद तक वायु प्रदूषण से काफी हद तक बचे रहे फतेहाबाद जिले में अब सायं होते ही स्मॉग छा जाता है और लोगों को आंखों में जलन की शिकायत होने लगी है। इस बार जिला प्रशासन के साथ पुलिस विभाग ने भी पराली जलाने पर रोक के लिए मोर्चा संभाल रखा है, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ रही है। अब तक सैटेलाइट लोकेशन के आधार पर 73 पराली जलाने के मामले चिन्हित किए जा चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, एयर क्वालिटी कंट्रोल आयोग ने जिला उपायुक्त को पत्र जारी कर 17 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। नोटिस मिलते ही कृषि विभाग ने तेजी दिखाई और पराली जलाने की रोकथाम में लगी टीमों से जवाब-तलब की है। कृषि विभाग ने उपमंडल स्तर के 7 तथा ग्राम स्तर के 11 कर्मचारियों को सेक्शन-14 के तहत नोटिस जारी किए हैं। वहीं, अब तक 32 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है और करीब डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन किसानों की ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रेड एंट्री की गई है, जिससे वे आगामी रबी और खरीफ सीजन में अपनी फसल सरकारी समर्थन मूल्य पर नहीं बेच सकेंगे और कृषि विभाग की सब्सिडी योजनाओं से भी वंचित रहेंगे। प्रशासन ने जिले के पराली जलाने में अग्रणी गांवों में निगरानी और सख्ती बढ़ा दी है। उपमंडल स्तर पर अधिकारी टीमों के साथ गांवों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इनके साथ फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी तैनात रहती हैं ताकि कहीं आग लगने की सूचना मिलते ही उसे तुरंत बुझाया जा सके।
