राज्य स्तरीय बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर शुरू, 51 प्रशिक्षणार्थी तैराकी के साथ सीखेंगे मोटर बोट चलाना
जब भी बाढ़ जैसी आपदा आती है तो प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति ही बाढ़ में फंसे लोगों की बेहतर ढंग से सहायता कर सकते हैं। किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण लेने से जहां व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है वहीं उसमें कार्य के प्रति निपुणता आती है। एसडीएम ने कहा कि पांच दिन तक चलने वाले इस बाढ़ राहत प्रशिक्षण में पूरे राज्य से 51 प्रशिक्षणार्थी व 13 प्रशिक्षिक भाग ले रहें है।
उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा व समाज की रक्षा के लिए ऐसे प्रशिक्षणों को जरूर सीखना चाहिए और जब प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक आपदा आती है तो ऐसे में आपदा से सही समय पर सही ढंग से निपटने के लिए बेहतर नेतृत्व की आवश्यकता होती है। जिला राजस्व अधिकारी तरुण सहोता ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।
उन्होंने प्रशिणार्थियों का आह्वान किया कि उन्हें इस बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर में आकर बहुत कुछ सीखने व अनुभव प्राप्त होगा। प्रशिक्षण में एनडीआरएफ के अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को आग व भूकम्प आदि जैसी आपदा से निपटने के लिए भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षणार्थियों व प्रशिक्षकों के ठहरने व खान पान की बेहतरीन व्यवस्था की गई है ।
मुख्य प्रशिक्षक मुकेश ने बाढ़ राहत प्रशिक्षण शिविर की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षणार्थियों को बहते पानी में मोटर बोट चलाना, चप्पू से नाव चलाना, तैराकी व प्राथमिक उपचार आदि का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षणार्थी यहां से प्रशिक्षण लेकर अपने अपने गाँवो में जाकर लोगों को आपदा से निपटने क़े उपाय जैसे तैराकी, पानी की खाली बोतलों से लाइफ जैकेट बनाना, चारपाई की नाव बनाना, अपनी सुरक्षा करते हुये लोगों की जान बचाना सिखातें हैं।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह, जिला सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार, थाना प्रभारी प्रताप नगर बलकार सिंह, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्तिक चौहान, एफसीआर से अधीक्षक तारा चंद, पंचायत अधिकारी विकास कुमार, पटवारी रामफल, मनोज कुमार आदि उपस्थित थे।