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छोटी जोत वाले समुदायों को सशक्त बनाने में पशुधन का विशेष योगदान

करनाल, 8 मार्च (हप्र) आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के 20 वें दीक्षांत समारोह के चल रहे शैक्षणिक पखवाड़े के जश्न के हिस्से के रूप में प्रतिष्ठित डॉ. केके अइया मेमोरियल ओरेशन आईसीएआर -राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के डॉ. डी....
डॉ अभिजीत मिश्रा को अवार्ड देकर सम्मानित करते कुलपति डॉ. धीर सिंह।
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करनाल, 8 मार्च (हप्र)

आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के 20 वें दीक्षांत समारोह के चल रहे शैक्षणिक पखवाड़े के जश्न के हिस्से के रूप में प्रतिष्ठित डॉ. केके अइया मेमोरियल ओरेशन आईसीएआर -राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के डॉ. डी. सुंदरेसन सभागार में आयोजित किया गया। संस्थान के निदेशक और कुलपति डॉ. धीर सिंह ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारत सरकार पशुपालन आयुक्त डॉ. अभिजीत मित्रा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें पशु आनुवंशिकी एवं प्रजनन, आणविक आनुवंशिकी, जीनोमिक्स के साथ-साथ ट्रांसजेनेसिस में सराहनीय कार्य करने के लिए दिया जा रहा है।

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डॉ. अभिजीत मित्रा ने नेविगेटिंग सस्टेनेबल लाइवस्टॉक सिस्टम: इंडियन स्मॉलहोल्डर्स इन ए ग्लोबल कॉन्टेक्स्ट विषय पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। डॉ. मित्रा ने ग्रामीण समुदायों, विशेषकर छोटी जोत वाले समुदायों को सशक्त बनाने में पशुधन क्षेत्र के महत्व और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में इसके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। डॉ. मित्रा ने महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण पर जोर दिया, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के भी अनुरूप है। अग्रणी दुग्ध उत्पादक के रूप में भारत की वैश्विक प्रसिद्धी वैश्विक मंच पर इस क्षेत्र के महत्व को और भी बढ़ा देती है।

पशुधन क्षेत्र में अभी कई चुनौतियां

पशुपालन में उपलब्धियों के बावजूद, डॉ. मित्रा ने स्वीकार किया कि पशुधन क्षेत्र के सामने अभी कई चुनौतियां हैं, जिनमें जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, बीमारी की चपेट में आने से पशुओं का नुकसान और सीमित संसाधनों और बाजार तक पहुंच शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परंपरा में निहित और आधुनिक चुनौतियों के अनुकूल स्थायी लघुधारक प्रणालियों की ओर परिवर्तन की तत्काल आवश्यकता है। इस अवसर पर संस्थान के 900 से अधिक वैज्ञानिक, कर्मचारी और छात्र समारोह में शामिल हुए।

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