पानीपत शुगर मिल में बॉयलर में स्लो फायरिंग कल
15 को होगा टरबाइन का ट्रायल पानीपत शुगर मिल के वर्ष 2025-26 के पेराई सत्र के शुभारंभ को लेकर 10 नवंबर को पूजा-अर्चना करके बॉयलर में स्लो फायरिंग की जाएगी। स्लो फायरिंग के बाद बॉयलर 2-3 दिन तक धीरे-धीरे...
15 को होगा टरबाइन का ट्रायल
पानीपत शुगर मिल के वर्ष 2025-26 के पेराई सत्र के शुभारंभ को लेकर 10 नवंबर को पूजा-अर्चना करके बॉयलर में स्लो फायरिंग की जाएगी। स्लो फायरिंग के बाद बॉयलर 2-3 दिन तक धीरे-धीरे गर्म होगा और फिर दो दिन तक धीरे-धीरे उसका प्रेशर बढ़ाया जाएगा। बॉयलर में स्टीम का पूरा प्रेशर होने पर 15 नवंबर को शुगर मिल में बिजली बनाने की लगी 28 मेगावाट क्षमता की टरबाइन का ट्रायल किया जाएगा।
बता दें कि बॉयलर की ही स्टीम से टरबाइन चलती है और टरबाइन से 28 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इसमें से 7-8 मेगावाट बिजली से तो सारा शुगर मिल चलता है और बाकी बिजली को एचवीपीएन के नौल्था पॉवर हाउस को एक्सपोर्ट किया जाता है। टरबाईन के ट्रायल के दौरान कोई टेक्नीकल कमी रही तो उसे दूर किया जाएगा और उसके बाद 18 व 20 नवंबर के बीच टरबाईन का फाइनल ट्रायल किया जाएगा।
बॉयलर में स्लो फायरिंग का शुभारंभ शुगर मिल के एमडी संदीप कुमार करेंगे। एमडी संदीप कुमार ने बताया कि बॉयलर की स्लो फायरिंग को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है और 10 नवंबर को हवन यज्ञ करके फायरिंग की जाएगी। शुगर मिल प्रबंधन ने इस बार 65 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई और टरबाइन से बनी 30 करोड़ की बिजली बेचने का लक्ष्य रखा है। शुगर मिल पहले साल 20.23 करोड़, दूसरे साल 26.86 करोड़ व पिछले सीजन में 27 करोड़ 31 लाख की बिजली बेच चुका है।

