मृत व्यक्ति के भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर
प्रस्तावित हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट पावर ग्रिड टर्मिनल के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध लगातार बढ़ रहा है। रविवार को कलायत और पिंजूपुरा गांव के कई किसान चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिले और इस मामले की गहन जांच की मांग की। किसानों ने आरोप लगाया है कि जमीन अधिग्रहण के लिए नियुक्त किए गए बिचौलिए (एग्रीगेटर) ने फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान का इस्तेमाल करके फर्जी सहमति पत्र बनाया है। किसानों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इन जाली दस्तावेजों में यह दिखाया जा रहा है कि किसान स्वेच्छा से अपनी जमीन देने के लिए तैयार हैं, जबकि असलियत इसके बिल्कुल उलट है। किसान जय भगवान पुरी, जस्सी, काला राम, सतीश कुमार, राम सिंह, और तरसेम शामिल ने दावा किया है कि उन्होंने किसी भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस मामले में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि कुछ ऐसे लोगों के नाम पर भी फर्जी सहमति पत्र बनाए गए हैं, जिनकी मृत्यु कई महीने पहले हो चुकी है। किसानों ने आरोप लगाया है कि गांव पिंजूपुरा और कलायत के मृत किसान गुरनाम, संजीव, चतरु, फुल्लू, और सूरजन के नाम पर भी जाली हस्ताक्षर किए गए हैं। किसानों की मुख्य मांग है कि केवल उन्हीं किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाए जो स्वेच्छा से अपनी जमीन देना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों को अपनी जमीन नहीं बेचनी, उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर रखा जाए। किसानों ने फर्जीवाड़ा करने वाले बिचौलियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है। मुख्यमंत्री सैनी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।