53rd Rose Festival concludes : गुरदास मान के गीतों पर थिरके लोग, छुट्टी का दिन होने के कारण उमड़ी भारी भीड़
एस.अग्निहोत्री/ हप्र/ मनीमाजरा (चंडीगढ़), 23 फरवरी (हप्र) : चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित रोज गार्डन में आयोजित तीन दिवसीय चंडीगढ़ रोज फेस्टिवल (53rd Rose Festival concludes)के 53वें संस्करण का रविवार को समापन हो गया। फेस्टिवल के अंतिम दिन पंजाबी गायक गुरदास मान को सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी।
इस अवसर पर चंडीगढ़ के मुख्य सचिव राजीव वर्मा ने तीन दिवसीय मेगा इवेंट के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। इस मौके शहर की मेयर हरप्रीत कौर बबला, एमसी कमिश्नर अमित कुमार, पार्षद सौरभ जोशी अन्य वरिष्ठ अधिकारी और पार्षद भी मौजूद थे। तीन दिन तक चले रोज फेस्टिवल में द ट्रिब्यून मीडिया पार्टनर था।
53rd Rose Festival concludes : छुट्टी के दिन उमड़ी भीड़
रविवार छुट्टी का दिन होने के कारण फेस्टिवल को चार चांद लगा गया जिसमें लोगो की भारी उमड़ी। इस दौरान शाम-ए-गजल और हास्य कवि सम्मेलन का कार्यक्रम और प्रतियोगिताए भी आयोजित हुई। गुरदास मान ने अपने एक से बढ़कर एक प्रसिद्ध गीत सुना कर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
चंडीगढ़ के मुख्य सचिव चंडीगढ़ राजीव वर्मा ने दिए विजेताओं को पुरस्कार
समारोह में मुख्य सचिव राजीव वर्मा ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रतिभागियों, बैंड पार्टियों के साथ-साथ इस मेगा इवेंट को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बागवानों और श्रमिकों को पुरस्कार वितरित किए। उन्होंने निगम आयुक्त अमित कुमार के कुशल मार्गदर्शन में निगम के खजाने से कोई खर्च किए बिना रोज फेस्टिवल को सफल बनाने के लिए अधिकारियों की पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने तीन दिवसीय फेस्टिवल के दौरान आयोजित प्रत्येक कार्यक्रम के लिए प्रायोजन प्राप्त करके इस आयोजन को ‘शून्य बजट और शून्य बर्बादी’ बनाने के प्रयासों की सराहना की।
53rd Rose Festival concludes : शाम-ए गजल आयोजित
तीसरे दिन चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से रोज गार्डन में नगर निगम द्वारा 'शाम-ए-गजल' और इबारत लेखक कला मंच, चंडीगढ़ द्वारा आयोजित ‘हास्य कवि सम्मेलन’ में कविता, हास्य और व्यंग्य का भरपूर मंचन हुआ, जिसमें शहर के प्रसिद्ध कवि नवीन नीर और समूह ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया और तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच मंच संभाला। रविवार को समारोह के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें ऑन द स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता भी शामिल थी।
फेस्टिवल में गूंजा 'पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा'
रोज़ फ़ेस्टिवल के अवसर पर एक भव्य संगीत संध्या का आयोजन किया गया। रविवार को आयोजित इस संगीतमय संध्या में प्रसिद्ध गज़़ल और सूफ़ी गायक अतुल दुबे और उनकी टीम ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से सभी को मोहित कर दिया।
अतुल ने अपनी सुरीली और भावपूर्ण आवाज़ में प्रसिद्ध गज़़लें प्रस्तुत कीं, जिनमें 'बीती बातें दोहराने की', 'पत्ता पत्ता बूटा बूटा' और 'मरीज-ए-इश्क' जैसी रचनाएं शामिल थीं। संगीत संध्या में सूफ़ी संगीत का जादू भी देखने को मिला, जब उन्होंने तू माने या न माने दिलदारा, छाप तिलक, दमादम मस्त कलंदर जैसी लोकप्रिय सूफ़ी रचनाओं को अपनी खास शैली में प्रस्तुत किया।