फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। समाज में बेवजह दिखावा करने से अच्छा है कि पैसे को समाज के उत्थान पर खर्च किया जाए।
इसलिए जिला के गुर्जर समाज ने पहल करते हुए शादी के निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया के जरिये रिश्तेदारों को मोबाइल पर भेजने का निर्णय लिया है।
यह बात भारतीय गुर्जर परिषद के जिलाध्यक्ष बलदेव पंवार ने कही। उन्हाेंने बताया कि भारतीय गुर्जर परिषद ने रस्म पगड़ी का समय सुबह 10 बजे करने तथा शादी के निमंत्रण पत्र व्हाट्सएप (सोशल मीडिया) पर भेजे जाने का निर्णय लिया गया। पद्मश्री ओमप्रकाश गांधी ने विशेष रूप से सुझाव दिया कि समय के बदलते दौर में समय और खर्च का ध्यान रखते हुए सामाजिक सुधार के लिए उक्त दो बिंदुओं पर विचार किया जाना अति आवश्यक है। दिवंगत आत्मा के लिए आयोजित की जाने वाली श्रद्धांजलि सभा का समय दोपहर दो बजे से बदल कर सुबह 10 बजे और शादी के लिए दिए जाने वाले निमंत्रण कार्ड पर समय की बचत व खर्च को ध्यान रखते हुए सोशल मीडिया से रिश्तेदारों मित्रों को आमंत्रित किया जाना चाहिए।
सभी ने सर्वसम्मति से इन निर्णयों का स्वागत किया है। शादी के निमंत्रण पत्र बांटने में ही कई दिन लग जाते हैं। वहीं इसमें पैसा और समय दोनों ही बर्बाद होते हैं। इसलिए समाज द्वारा लिया गया यह निर्णय बड़े बदलाव का संकेत है। सभी को इस पर अमल करना चाहिए।