ग्योंग की सरपंच निलंबित, जांच में सहयोग न करने व अवैध कब्जे को लेकर गिरी गाज
गांव ग्योंग की सरपंच मनजीत कौर को डीसी ने पंचायत भूमि की बोली न करवाने, अवैध कब्जे के आरोप व अनियमितताओं को लेकर तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब की गई जब शिकायत की जांच में आरोप सही पाए गए। शिकायत में कहा गया कि सरपंच ने चुनाव के दौरान अपने शपथ पत्र में गलत जानकारी दी थी।
उन्होंने दावा किया कि उनके पास किसी भी पंचायत भूमि पर कब्जा नहीं है, लेकिन जांच में सामने आया कि उन्होंने पंचायत की जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ है। इसके अलावा उनके कार्यों में कई अनियमितताएं और नियमों की अवहेलना पाई गई। सरपंच मनजीत कौर और उनके परिवार पर नाजायज कब्जा करने, अवैध निर्माण और गलत जानकारी देकर नामांकन फॉर्म भरने जैसे गंभीर आरोप लगे। जांच और निजी सुनवाई के दौरान वे प्रशासन के सामने प्रस्तुत नहीं हुए। प्रशासन ने अवैध कब्जों की पुष्टि की और पाया कि बिजली विभाग के बकाया न भरने, गलत पते और मतदाता सूची में गड़बड़ी जैसे मामलों में भी उनकी संलिप्तता रही। डीसी कार्यालय को मिली शिकायत पर एडीसी कैथल ने जांच करवाई। रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने पर डीसी ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(1) के तहत सरपंच को पद से हटा दिया। आदेश में कहा गया कि सरपंच अब पंचायत की किसी भी बैठक या कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकती। सभी दस्तावेज और संपत्ति तुरंत पंचायत सचिव को सौंपें।
एक सप्ताह के भीतर िरपोर्ट सौंपने के आदेश
डीसी ने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी और जिला राजस्व अधिकारी की कमेटी गठित की है। कमेटी 1 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी ऋतु लाठर ने बताया कि सरपंच के खिलाफ अवैध कब्जे सहित कई अनिमितताएं बरतने के आरोप थे। मामले की जांच अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा की गई थी। लेकिन सरपंच ने जांच में सहयोग नहीं किया, जिस कारण उन्हें निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं। महिला सरपंच मंजीत कौर ने बताया कि उन्हें इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है और न ही ग्राम सचिव व बीडीपीओ की तरफ से कोई सूचना है। सरपंच ने बताया कि उन्होंने गांव की पंचायत जमीन पर कोई अवैध कब्जा नहीं किया गया है, बल्कि अवैध कब्जों को छुड़वाया है।