मुक्त व्यापार समझौते के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा करेगा आंदोलन
रोहतक में संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने अमेरिका और भारत के बीच प्रस्तावित कृषि मुक्त व्यापार समझौतों को किसानों के लिए खतरे की घंटी बताते हुए राज्यव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। मोर्चा ने चेताया कि यदि सरकार ने डेयरी और कृषि क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए खोला, तो 8 करोड़ पशुपालक किसानों की आजीविका पूरी तरह तबाह हो जाएगी। इसी के विरोध में मोर्चा ने 13 अगस्त को हरियाणा के सभी जिला व तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मोदी और ट्रंप के पुतले फूंके जाने की घोषणा की है।
संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की बैठक में मौजूद रहे ये लोग
यह निर्णय रोहतक के हुडा सिटी पार्क में हुई संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता इंद्रजीत सिंह, सत्यवान और मास्टर सतीश ने संयुक्त रूप से की। किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा कि इन मुक्त व्यापार समझौतों से विकसित देशों के दूध और उससे बने उत्पादों का भारतीय बाजार में सीधा प्रवेश हो जाएगा, जिससे न केवल स्थानीय बाजार चौपट होंगे, बल्कि भारत की पारंपरिक खेती और पशुपालन व्यवस्था भी नष्ट हो जाएगी। मोर्चा ने चेताया कि यह महज आर्थिक नीति नहीं, बल्कि किसानों की जड़ों पर सीधा प्रहार है, जिसका विरोध गांव-गांव जाकर किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की बैठक में स्मार्ट मीटर योजना का भी विरोध
बैठक में केंद्र सरकार की स्मार्ट मीटर योजना का भी विरोध किया गया। किसान नेताओं ने कहा कि यह योजना आंदोलन के दौरान किए गए सरकारी वादों के विरुद्ध है। उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश के किसी भी गांव में स्मार्ट मीटर नहीं बदलने दिए जाएंगे और इसके विरोध में 31 अगस्त को नरवाना में राज्यस्तरीय कन्वेंशन आयोजित किया जाएगा।
इसके साथ ही बैठक में भिवानी और दादरी जिलों में बीमा क्लेम में 350 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े, खाद की किल्लत, जलभराव, और 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध जैसे मुद्दों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा गया। लोहारू और बाढ़ड़ा में धरने पर बैठे किसानों, आईएमटी रोजका मेव में आंदोलनरत किसानों और पीजीआई रोहतक के कर्मचारियों को भी पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की गई।
किसान नेताओं ने भी रखे विचार
बैठक में जोगेंद्र नैन, रणवीर मलिक, सुरेश कोथ, कुलदीप पूनिया, विकास सीसर, डॉ. सुखदेव जम्मू, हरजिंदर नानूआना, रवि आजाद, प्रेम गहलावत, कर्मबीर दहिया, रणधीर धामड़, हाफिज सिराजुद्दीन, बलबीर सिंह, कुलदीप ढांडा, धर्मपाल बडाला, जयकरण मांडोठी, करनैल सिंह, रमेश चंद्र कंडेला, राजीव मलिक, निर्भय और दीन मोहम्मद नंबरदार सहित अनेक किसान नेता मौजूद रहे।