रक्षाबंधन पर्व पर सरकार द्वारा महिलाओं को रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई, लेकिन बसों के चालकों-परिचालकों ने समालखा में बसें नहीं रोकी। जिस कारण ज्यादातर बहनें फ्री योजना का लाभ नहीं उठा पाईं। उन्हें मजबूरन प्राइवेट वाहनों से महंगें रेट पर अपने गंतव्य तक जाना पड़ा। शनिवार को पुराने बस स्टैंड पर महिलाओं की भारी भीड़ रही। सुबह से ही भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। दोपहर 12 बजे के करीब बूंदाबांदी भी हुई, लेकिन बहनों का हौसला कम नहीं हुआ। हर कोई चाहता था कि वह पहले बस में बैठ जाएं, ताकि समय पर भाई के घर पहुंच सकें, लेकिन समालखा में बहनों को घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा। पानीपत, सोनीपत और दिल्ली से आने वाली बसें पहले ही ठसाठस भरी आ रही थीं। ऐसे में अधिकतर बस चालकों ने समालखा में बस रोकने की जहमत नहीं उठाई। कुछ बसे स्टैंड से आगे पीछे रोकते रहे। बस के आते ही महिलाएं बसों के पीछे दौड़ती नजर आईं। भीड़ होने के कारण ज्यादातर महिलाएं फ्री बस सुविधा से वंचित रह गईं। घंटों इंतजार करने के बावजूद उन्हें निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
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