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आत्ममंथन से मन में व्याप्त कुरीतियों को करें दूर: माता सुदीक्षा

हल्दाना के निरंकारी भवन में 78वें संत समागम की तैयारियां शुरू
समालखा के गांव हल्दाना में सेवा कार्यों का शुभारंभ करतीं माता सुदीक्षा व पिता रमित महाराज। -निस
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जीटी रोड पर गांव हल्दाना स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर 31 अक्तूबर से 3 नवंबर तक होने वाले 78वें वार्षिक निरंकारी संत समागम की तैयारियां शुरू हो गई हैं। रविवार को सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज व निरंकारी पिता रमित ने अध्यात्मिक स्थल पर फावड़ा चलाकर सेवा कार्यों का शुभारंभ किया। यह दृश्य परंपरा के निर्वहन के साथ-साथ सेवा, श्रद्धा और मानवता के प्रति गहरी आस्था का प्रतीक बना। इस मौके पर मिशन की कार्यकारिणी समिति, केंद्रीय सेवादल अधिकारीगण और हजारों श्रद्धालु सेवा-भाव से ओतप्रोत दिखे। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा ने कहा कि आज इस पावन अवसर पर आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। हर भक्त के मन का उत्साह साफ झलक रहा है। निस्संदेह सेवा करते हुए मन भक्तिमय हो जाता है। हमें सभी में परमात्मा का रूप देखना चाहिए, अहंकार से दूर रहकर सबका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समागम केवल एकत्रित होने का नाम नहीं है, बल्कि सेवा और आत्ममंथन का भाव है। हमें अपने अंतर्मन में झांककर देखना होगा कि हमारा जीवन किस दिशा में जा रहा है। परमात्मा भीतर भी है और बाहर भी। हमें मन की दीवारें तोड़कर अपनी कमियों का सुधार करना चाहिए। इस वर्ष समागम का शीर्षक ‘आत्ममंथन’ रखा गया है, जो आत्मज्ञान से अपने विचारों और कर्मों को शुद्ध करने की प्रेरणा देता है। संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिंदर सुखीजा व राकेश मुटेजा ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी सेवाओं की शुरुआत भावपूर्ण माहौल में हुई। 600 एकड़ के विशाल स्थल पर आयोजित होने वाले समागम में भारत के अलावा 50-60 देशों से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी पिता रमित का स्वागत संत निरंकारी मंडल की प्रधान राजकुमारी और सचिव जोगिंदर सुखीजा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर किया।

 

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