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धर्म का अर्थ प्रेम, आदर, विश्वास, वीरता और सद्भावना : ललित शर्मा

पेरिस में धर्म एवं अर्थशास्त्र कॉन्फ्रेंस का आयोजन पेरिस में धर्म एवं अर्थशास्त्र कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें भारत से विश्व हिंदू परिषद के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी स्वामी विद्यानंद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने अपने...
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पेरिस में धर्म एवं अर्थशास्त्र कॉन्फ्रेंस में भाग लेते विहिप के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी स्वामी विद्यानंद और विहिप फ्रांस के अध्यक्ष ललित शर्मा। -हप्र
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पेरिस में धर्म एवं अर्थशास्त्र कॉन्फ्रेंस का आयोजन

पेरिस में धर्म एवं अर्थशास्त्र कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें भारत से विश्व हिंदू परिषद के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी स्वामी विद्यानंद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने अपने उद्बोधन में फ्रांस में रहने वाले सभी भारतीयों को विश्व हिंदू परिषद के विश्व भर में चल रहे सनातन धर्म की रक्षा, उसकी उन्नति के विषय पर अपने विचार रखें।

स्वामी कहा कि भारत व भारतीय संस्कृति विश्व की महान और प्राचीन सभ्यताओं और संस्कृति का हम सबको गौरव अनुभव करना चाहिए। क्योंकि हमारी संस्कृति और धर्म ने हमेशा सब जीवों की रक्षा, सुरक्षा और सद्भावना का ध्यान रखा है। मगर धर्म के साथ-साथ हमें हमारी अर्थव्यवस्था को भी सुरक्षित और उन्नत बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। हमारे पूर्वजों ने धर्म की स्थापना के लिए हमेशा प्रयास किया और बलिदान देने का समय आया तो वीरतापूर्वक बलिदान भी दिया। एक सनातनी होने के नाते हम सबको अपने पूर्वजों पर और अपनी सांस्कृतिक सनातन हिंदू धर्म पर गौरव करना चाहिए।

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विश्व हिंदू परिषद फ्रांस के अध्यक्ष ललित शर्मा ने कहा कि धर्म का अर्थ प्रेम, आदर, विश्वास, वीरता और सद्भावना है। हमने कभी भी अपने धर्म को किसी अन्य समुदाय व पंथ पर नहीं थोपा है। हमने हर पंथ को समझने फलने फूलने का अवसर दिया है।

स्वामी ने विश्व हिंदू परिषद फ्रांस के अध्यक्ष ललित शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्व हिंदू परिषद का फ्रांस की धरती पर सफल आयोजन करने के उनकी सफल लीडरशिप को प्रदर्शित करता है, जिस तरह से ललित शर्मा ने एक वर्ष के अंदर फ्रांस की धरती पर विश्व हिंदू परिषद का संगठन तैयार किया है और संगठन का नेतृत्व करते हुए उन्होंने अपनी क्षमताओं का परिचय प्रदर्शन किया वह सर्वोच्च है।

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