दिल्ली-हरियाणा के लिए राहत, हथिनीकुंड के सभी गेट बंद
दिल्ली-हरियाणा के लिए फिलहाल राहत वाली खबर है। लगातार 105 घंटे से खुले हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट शुक्रवार दोपहर 1 बजे बंद कर दिये गये। साल 2023 का रिकॉर्ड टूट गया। 2023 में 97 घंटे तक सभी गेट खुले थे। इस साल 105 घंटे तक हथिनीकुड बैरोज के सभी 18 गेट खुले रहे और पानी लगातार यमुना में बहता रहा। जिससे यमुना उफान पर रही। फिलहाल राहत की बात यह है कि पानी 1 लाख क्यूसेक से कम हुआ हो गया, लेकिन दूसरी तरफ भूमि कटाव लगातार जारी है। यमुना के बिल्कुल किनारे सटे टापू कमालपुर में स्थिति अत्यंत गंभीर है। अगर दोबारा से पहाड़ी इलाकों में वर्षा हुई और फिर से पानी आया तो सबसे ज्यादा प्रभावित यमुनानगर का टापू कमालपुर होगा। इसके अलावा गांव पोबारी भी यमुना के अत्यंत नजदीक है, वहां भी स्थिति अच्छी नहीं है। डीसी पार्थ गुप्ता ने बताया कि यमुना के साथ सटे 46 गांव में 10 अधिकारी तैनात किए गए थे, जो लगातार लोगों के संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि क्षतिपूर्ति पोर्टल खुला गया है, अब लोग लगातार अपने नुकसान को लेकर पंजीकरण करवा सकते हैं। अभी तक 40,000 एकड़ के लिए पंजीकृत करवाया गया है। डीसी ने बताया कि जिला के टापू कमालपुर, पोबारी, उन्हेड़ी, लापरा, बीबीपुर, बेलगढ़, लाकड़मय प्रतापपुर, मंडौली घग्गड़, माली माजरा, कलेसर, बंजारा बांस, कोटड़ा काहन सिंह, गुमथला राव, नगली, संधाला, खानुवाला, तिहानो, रामगढ़ सवाई में हो रहे भूमि कटाव को रोकने के लिए सिंचाई व पंचायत विभाग द्वारा 16 जेसीबी, 10 ट्रैक्टर-ट्रॉली व 574 मनरेगा मजदूरों द्वारा 1 लाख 91 हजार 400 मिट्टी के कट्टे भरकर नदी-नालों के तटबंधों को मजबूत करने के लिए रखे गए हैं। भूमि कटाव से संबंधित 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है।